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बिना सबूत के कांस्टेबल को बरखास्त करने का मामला, सरकार को अर्थदंड
पटना. आपराधिक मामले में न्यायालय की ओर से बरी किये जाने के बावजूद बिहार पुलिस के कांस्टेबल को बगैर सबूतों के नौकरी से बरखास्त करने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने से नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. साथ […]
पटना. आपराधिक मामले में न्यायालय की ओर से बरी किये जाने के बावजूद बिहार पुलिस के कांस्टेबल को बगैर सबूतों के नौकरी से बरखास्त करने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने से नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. साथ ही इस राशि को चार सप्ताह के अंदर विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से दायर एलपीए (अपील) पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. उक्त मामला बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर वर्ष 2000 में बहाल कौशल कुमार तिवारी का है. वह बास्केटबॉल का खिलाड़ी था. बहाली के बाद बीएमपी-5 में डेपुटेशन पर भेजा गया.
वाद के निबटारे तक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रहेंगे आरके महाजन
पटना. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन का स्थानांतरण तब तक नहीं किया जाये, जब तक कि वाद का निबटारा न हो. हाइकोर्ट ने यह आदेश साल 1988 से लंबित पड़े जीव विज्ञान और गणित के शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं किये जाने के मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए दी.
अदालत ने चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि हर हाल में बहाली की प्रक्रिया पूर्ण हो. जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने रविकांत कुमार सौरभ और अन्य की ओर से दायर अवमाननावाद पर एक साथ सुनवाई करते हुए निर्देश दिया. वर्ष 1988 में विभिन्न विषयों की शिक्षकों की बहाली हेतु विज्ञापन निकाला गया था. इसमें अन्य विषयों के शिक्षकों को बहाल कर लिया गया. वहीं, जीव विज्ञान व गणित के शिक्षकों की बहाली आज तक नहीं हुई.
सैंडिस कंपाउंड में अवैध निर्माण पर मांगा जवाब
पटना. भागलपुर जिला स्थित सैंडिस कंपाउंड में अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के अंदर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने रजनीश कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
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