पटना : छत्तीसगढ में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर माओवादियों के घातक हमले को निंदनीय और लोकतंत्र पर हमले के समान बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड काफी मजबूत है.
पटना में आज संवाददाताओं से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि छत्तीसगढ में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर माओवादियों का हमला निंदनीय और लोकतंत्र पर हमले के समान है. देश में लोकतंत्र की जड काफी मजबूत है, जिसे हिलाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. हिंसा कमजोरी का परिचायक है, जिनके विचार कमजोर होता है, वे हिंसा का सहारा लेते हैं.
नक्सलवाद को एक समस्या बताते हुए नीतीश ने कहा कि इससे निपटने के लिए अनेक प्रकार की पहल की जानी चाहिए. केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को विश्वास में लेकर ऐसी समस्या से निपटने के लिए प्रभावकारी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्य के साथ मिलकर परिस्थिति का मुकाबला करना चाहिए और एक घटना को लेकर नीति नहीं बल्कि परिस्थिति के संदर्भ में सुविचारित योजना बनानी चाहिए. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतत प्रयास होना चाहिए तथा निरंतर अभियान चलाया जाना चाहिए. नक्सल समस्या को एक संवेदनशील मामला बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इससे निपटने में बिहार सरकार का रवैया सहयोगपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि किस परिस्थिति में क्या होता है और उस पर नियंत्रण कैसे पाया जा सकता है, इस पर विचार करने की जरुरत है. अलग-अलग इलाकों की अपनी-अपनी समस्याएं होती हैं. इलाकों के अनुसार कार्य योजना बननी चाहिए.
नीतीश ने कहा कि सरकार को विकास की योजनाओं को लागू करना और संसाधनों को ठीक करना होगा. आईएपी के तहत जिलों का चयन कर वहां पर व्यापक विकास की योजना चलाई जानी चाहिए. जो अब तक समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड पाए हैं, उन्हें मुख्य धारा में लाना होगा. अलग-अलग इलाकों की समस्या को देखकर और समझकर योजना बनायी जानी चाहिए. पिछडे राज्यों के लिए मापदंड निर्धारण को लेकर रघुराम जी राजन की अध्यक्षता में आज संपन्न हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘‘हम जो चाहते हैं अगर मिल जाता है तो अच्छा है, नहीं मिलने पर संघर्ष जारी रहेगा.’’