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जिला स्तर पर प्राथमिक शिक्षकों की होगी बहाली

पटना : राज्‍य के प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया बदलेगी. पंचायतवार नियोजन इकाई में होने वाली नियुक्ति अब जिला स्तर पर होगी. शिक्षा विभाग इसके लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर रहा है इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियों का ब्योरा मांगा है. वर्तमान में […]

पटना : राज्‍य के प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया बदलेगी. पंचायतवार नियोजन इकाई में होने वाली नियुक्ति अब जिला स्तर पर होगी. शिक्षा विभाग इसके लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर रहा है
इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियों का ब्योरा मांगा है. वर्तमान में जो रिक्तियां हैं, वे पिछली नियुक्ति प्रक्रिया के करीब 87 हजार वैसे पद हैं, जो अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण भर नहीं सके थे. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) का रिजल्ट आने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस नियुक्ति प्रक्रिया में अभ्यर्थियों से पंचायत की जगह जिला स्तर पर आवेदन लिये जा सकते हैं.
जिला स्तर पर आवेदन लिये जाने पर अभ्यर्थियों से वरीयता के आधार पर पांच या 10 नियोजन इकाइयों के नाम लिये जायेंगे, जिनमें वे बहाल होना चाहते हैं. अभ्यर्थियों की नियुक्ति उन्हीं नियोजन इकाई में उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर होगी. मेधा सूची का निर्माण जिला स्तर पर होगा और अभ्यर्थियों के सेलेक्शन होने के बाद उस लिस्ट को नियोजन इकाइयों को भेज दिया जायेगा. नियोजन इकाई उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देगी और नियोजन इकाई के अंदर आने वाले स्कूलों का आवंटन करेगी. पांच या 10 नियोजन इकाइयों का विकल्प देने के बाद भी जो अभ्यर्थी मेधा सूची में नहीं आयेंगे, उन्हें वेटिंग लिस्ट में या फिर वैसे नियोजन इकाई, जहां सीटें खाली रह जायेंगी, वहां उन्हें बहाल किया जा सकेगा.
नियुक्ति प्रक्रिया में नहीं होगी देरी, परेशानी से बचेंगे अभ्यर्थी
जिला स्तर पर एक जगह ही आवेदन लेने से जहां नियुक्ति प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, वहीं अभ्यर्थियों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान प्रावधान के अनुसार अभ्यर्थियों को राज्य के किसी भी नियोजन इकाई में जहां वे बहाली प्रक्रिया चल रही है, वहां जाकर आवेदन देना होता है.
इससे एक ही अभ्यर्थी, जिसके अंक बहुत अच्छे हैं, वह कई नियोजन इकाइयों की मेधा सूची में आ जाता है. वह अभ्यर्थी किसी एक ही नियोजन इकाई में योगदान करता है, लेकिन अन्य जगहों की मेधा सूची में उसका नाम आने से दूसरे अभ्यर्थी प्रभावित होते हैं और उन्हें अगली लिस्ट का इंतजार करना पड़ता है. इसकी वजह से पिछली नियुक्ति प्रक्रिया में काफी समय लगा. 1.53 लाख पदों में से सिर्फ 66 हजार भर सके और 87 हजार पद अब भी खाली हैं.

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