21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कैसे हो रही शावकों की मौत, जवाब दे जू प्रबंधन

पटना : पटना जू में शावकों की लगातार हो रही मौत पर वन एवं पर्यावरण विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है. विभाग इस मामले में जू प्रशासन से रिपोर्ट तलब करेगा. विभाग जू प्रबंधन से पूछेगा कि वे कौन से कारण हैं, जिसके चलते शावकों की लगातार मौत हो रही है? गौरतलब है कि […]

पटना : पटना जू में शावकों की लगातार हो रही मौत पर वन एवं पर्यावरण विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है. विभाग इस मामले में जू प्रशासन से रिपोर्ट तलब करेगा. विभाग जू प्रबंधन से पूछेगा कि वे कौन से कारण हैं, जिसके चलते शावकों की लगातार मौत हो रही है? गौरतलब है कि पिछले पांच साल में सात बाघ शावकों की मौत हो चुकी है.

कुछ दिन पहले ही यहां स्वर्णा बाघिन के चार में से तीन शावक की मौत हो गयी है. उसके दो शावक तो 13 मार्च को ही काल के गाल में समा गये और उसके बाद तीसरे की मौत गुरुवार को हो गयी थी. अब इनकी मौत के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट वन और पर्यावरण विभाग ने मांगने का फैसला किया है. विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि हम इस विषय में पूरी जानकारी जू प्रशासन से ले रहे हैं और विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगे. यदि कोई सुधार की गुंजाइश हुई, तो हम उसके लिए प्रयास करेंगे. विभाग चाहता है कि पटना जू में बाघों की संख्या बढ़े और बाघों का संरक्षण हो. इसके लिए विभाग और जू प्रशासन एक साथ समन्वय बनाते हुए काम करेगा.

अब चौथे शावक के बेहतर स्वास्थ्य पर उठ रहे सवाल
इन सबके बीच अब स्वर्णा बाघिन के चौथे शावक के सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. अभी तक जू प्रशासन द्वारा इस शावक की कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी है. न ही कोई मेडिकल बुलेटिन ही जारी किया गया है. तीन शावकों की मौत के बाद जू प्रशासन कह रहा है कि वर्ल्ड टाइगर डे 29 जुलाई पर उसे सार्वजनिक किया जायेगा और उसी दिन नामाकरण भी होगा. अब जू प्रशासन उस शावक के स्वास्थ्य को लेकर कितना संवेदनशील है यह उसी दिन पता चल सकेगा.
कमेटी बनाकर जांच कराए प्रबंधन
पटना जू को बाघ के शावकों की मौत को छुपाने से काम नहीं चलेगा. जू प्रशासन को देश भर के चिड़ियाघरों से मदद लेकर कमेटी बनाना चाहिए और इसमें उन विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए, जहां शावकों की बेहतर देखभाल होती है. मैं सलाह दूंगा कि कमेटी में उनको भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक डॉ पराग निगम और डॉ मलिक को भी शामिल करना चाहिए. एक कलेक्टिव स्टडी के बाद इस समस्या का समाधान पाया जा सकता है.
डॉ राजेश गोपाल, ग्लोबल टाइगर फोरम के सेक्रेटरी जनरल. ये नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के 10 साल तक मेंबर सेक्रेटरी रह चुके हैं.
एक्शन प्लान बनाने की जरूरत
पटना जू में लगातार शावकों की मौत हो रही है.एक-दो की मौत एक्सीडेंटल हो सकती है, लेकिन लगातार हो रही मौत सवाल खड़े कर रही है. पटना जू अपने स्तर से इसकी जांच कराए और इसे रोकने के लिए पहल करे. सेंट्रल जू अथॉरिटी को भी आगे आना चाहिए. एक एक्शन प्लान बनाकर इस समस्या को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए.
अजय दुबे, मशहूर पर्यावरणविद और आरटीआई एक्टीविस्ट, बाघ संरक्षण के मुद्दे पर दायर इनकी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय दिये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें