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प्लस टू में जीरो रिजल्ट वाले शिक्षकों को शो कॉज
10 अगस्त तक होगी कार्रवाई पटना : प्लट टू के वैसे स्कूल जहां एक भी छात्र पास नहीं किये हैं, वहां के शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे स्कूलों की लिस्ट उपलब्ध करा दी है और उन्हें शो कॉज देकर 10 अगस्त […]
10 अगस्त तक होगी कार्रवाई
पटना : प्लट टू के वैसे स्कूल जहां एक भी छात्र पास नहीं किये हैं, वहां के शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे स्कूलों की लिस्ट उपलब्ध करा दी है और उन्हें शो कॉज देकर 10 अगस्त से पहले कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने निर्देश दिया है कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में वैसे स्कूल जहां एक भी छात्र-छात्राएं पास नहीं कर सके हैं, वहां के प्रधानाध्यापक और संबंधित विषय के शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जाये. उन पर काम में लापरवाही का आरोप तय करते हुए उन पर नियमानुसार या तो अनुशासनिक कार्रवाई की जाये या फिर सक्षम प्राधिकार के पास कार्रवाई की अनुशंसा की जाये. माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में बुधवार को पूर्णिया, कोसी, सारण, दरभंगा और तिरहुत प्रमंडल स्थित जिलों के डीइओ व डीपीओ की बैठक में हुई. दो दिनों में सभी प्रमंडल स्थित जिलों की बैठक हुई.
बैठक में बिना सूचना के अररिया के डीइओ-डीपीओ नहीं आये और न ही वहां से कोई प्रतिनिधि ही शामिल हुए. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अररिया के डीइओ-डीपीओ का एक दिन का वेतन काट दिया और एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि स्कूलों के वातावरण के साथ-साथ बच्चों के घर का वातावरण भी उनकी पढ़ाई की रुचि को बढ़ा सकता है.
इसके लिए हर तीन महीने में बच्चों का मूल्यांकन किया जाये और जो बच्चे कमजोर हैं उन्हें चिह्नित कर उनके लिए अलग से ट्यूटोरियल क्लास की व्यवस्था की जाये. साथ ही समय-समय पर अभिभावकों व शिक्षकों की बैठक हो, जिसमें जिला व प्रखंड स्तर के भी पदाधिकारी हों. साथ ही जिलों को हाइ व प्लस टू में शॉर्ट टर्म प्लान, मिडटर्म प्लान और लांग टर्म प्लान को लागू करने का निर्देश दिया.
स्कूल के प्रधानाध्यापकों को बीइओ के साथ दूसरे व चौथे शनिवार को बैठक करने का भी निर्देश देने को कहा गया है. बीइओ व जिला स्तर पदाधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण भी करेंगे. इसके अलावा जिन प्लस टू स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, वहां हाइस्कूल के योग्य शिक्षकों की सेवा ली जायेगी. वहीं, उत्क्रमित हाइस्कूलों में मिडिल स्कूलों के स्नातक शिक्षकों को पढ़ाने का दायित्व दिया जायेगा. साथ ही स्कूलों के प्रयोगशाला व पुस्तकालयों को भी सुदृढ़ करने को कहा गया है, ताकि बच्चों को पढ़ने में रुचि आ सके.
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