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समिति पूछती रही सवाल, आयुक्त देते रहे जवाब
सफाई और जलजमाव पर सिर्फ जानकारी लेते रहे समिति के सदस्य पटना : नगर निगम की नयी नवेली सरकार की सशक्त समिति की पहली बैठक शुक्रवार को हुई. बैठक का आयोजन मौर्या लोक स्थित नगर निगम मुख्यालय के मेयर कक्ष में किया गया था. बैठक में मेयर सीता साहू व नगर आयुक्त अभिषेक सिंह सहित […]
सफाई और जलजमाव पर सिर्फ जानकारी लेते रहे समिति के सदस्य
पटना : नगर निगम की नयी नवेली सरकार की सशक्त समिति की पहली बैठक शुक्रवार को हुई. बैठक का आयोजन मौर्या लोक स्थित नगर निगम मुख्यालय के मेयर कक्ष में किया गया था. बैठक में मेयर सीता साहू व नगर आयुक्त अभिषेक सिंह सहित समिति के मेंबर मौजूद थे.
बैठक दोपहर के तीन बजे से शुरू हो कर शाम साढ़े पांच बजे तक चली. समिति की पहली बैठक में एजेंडे कुछ भी विशेष नहीं रखे गये थे. लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक को मेयर सहित समिति सदस्यों ने पूरा क्लास रूम बना दिया. इस क्लास रूम में नगर आयुक्त बतौर शिक्षक की भूमिका में थे और क्लास में छात्रों की भूमिका में सामने बैठे अन्य लोग. इसमें समिति के लोग सवाल पूछते रहे और नगर आयुक्त उनका जवाब देते रहे.
फिर कुछ जगहों पर हुए जलजमाव की दूर करने का निर्देश दिया गया.हर 500 मीटर पर एक ठेला व मजदूर : समिति के सदस्यों ने वार्ड में मजदूरों की कम संख्या पर सवाल किया. समिति के सदस्य मजदूर बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन नगर आयुक्त ने भी सधे हुए अंदाज में निगम के सभी वार्डों में नये सिरे से मजदूर व संसाधन का निर्धारण करने की बात कह दी. नगर आयुक्त ने कहा कि आनेवाले दिनों में हम स्वच्छ भारत मिशन की गाइड लाइन के अनुसार सफाई का पैमाना तय करेंगे. इसमें 500 मीटर पर एक सफाई ठेला व एक मजदूर रखा जायेगा.
राजस्व बढ़ाने पर चर्चा : बैठक में नगर निगम के राजस्व बढ़ाने पर भी चर्चा की गयी. होल्डिंग टैक्स वसूली
का अधिकार प्राइवेट कंपनी को देने के लिये अगली निगम बोर्ड बैठक में प्रस्ताव आयेगा, ताकि टेंडर फाइल किया जा सके. वहीं नये होल्डिंग कर निर्धारण के लिए शहर के रास्तों का वर्गीकरण एक बार फिर से करने का प्रस्ताव भी निगम बोर्ड की बैठक में लाने को कहा गया.
दो लाख तक प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार : नगर आयुक्त ने बताया कि सभी अंचल को निर्देश दिया गया है कि वे वार्ड पार्षदों के साथ अंचल स्तर पर बैठक करें. वार्ड पार्षद भी सफाई से लेकर जलजमाव की समस्या को वहां रखें. जहां जलजमाव की समस्या बराबर रहती है, उन जगहों को चिह्नित किया जाये. इसके अलावा प्रमंडल स्तर पर 300 से अधिक कैचपिट व मैनहोल के ढक्कन की व्यवस्था की गयी है. वहीं सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को एक लाख से बढ़ा कर दो लाख प्रशासनिक स्वीकृति देने का अधिकार दे दिया गया है.
लेना होगा एनओसी : उपमहापौर विनय कुमार पप्पू की समस्या पर जवाब देते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि पथ निर्माण, भवन निर्माण, पुल निर्माण विभाग की ओर से कई जगहों पर नाला बनाया जा रहा है. इसमें अागे नाला कनेक्टिंग व लेवल को लेकर समस्या होती रहती है. उन्होंने कहा कि नगर विकास व आवास विभाग को पत्र लिख कर शहर में कहीं भी नाला निर्माण हो, इसके लिए नगर निगम से एनओसी लेनी जरूरी हो, इसका प्रावधान किया जायेगा.
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