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स्वास्थ्य विभाग का कॉल सेंटर दो साल से है बंद

पटना: राज्य के मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग में स्थापित किया गया कॉल सेंटर बंद हो चुका है. विभाग के प्रधान सचिव इसकी नियमित मॉनीटरिंग करते थे. इससे मरीजों की शिकायतों का तत्काल निष्पादन किया जाता था. किसी अस्पताल में मरीज को परेशानी होती थी तो उसे अविलंब दूर किया जाता […]

पटना: राज्य के मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग में स्थापित किया गया कॉल सेंटर बंद हो चुका है. विभाग के प्रधान सचिव इसकी नियमित मॉनीटरिंग करते थे. इससे मरीजों की शिकायतों का तत्काल निष्पादन किया जाता था. किसी अस्पताल में मरीज को परेशानी होती थी तो उसे अविलंब दूर किया जाता था. अब यह कॉल सेंटर दो साल से बंद है.

इस कॉल सेंटर का नंबर 1911 था. उधर, राज्य स्वास्थ्य समिति में स्थापित कॉल सेंटर 104 को दो प्रकार की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. जिसमें प्रतिदिन इस सेंटर पर 20 मरीज मेडिकल सलाह लेते हैं, जबकि औसतन 90 मरीजों द्वारा विभिन्न प्रकार की शिकायतें दर्ज करायी जाती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित किया गया कॉल सेंटर पर अस्पताल की सेवाओं पर केंद्रित किया गया था. किसी भी मरीज को अस्पताल में जाने के बाद डॉक्टर के नहीं मिलने, पैथोलॉजिकल और रेडियलॉजिकल जांच नहीं होने, बेड नहीं मिलने या किसी तरह की समस्या होने पर 1911 नंबर पर शिकायत की जाती थी.

इस नंबर पर शिकायत मिलने के बाद उसकी तत्काल कार्रवाई होती थी. प्रधान सचिव स्वयं इसमें रुचि लेकर सेवाएं मरीजों तक पहुंचाने का काम करते थे. इधर राज्य स्वास्थ्य समिति में स्थापित कॉल सेंटर पर मेडिकल एडवाइस की सेवा बहाल की गयी थी. स्वास्थ्य विभाग में स्थापित कॉल सेंटर को बंद करके स्वास्थ्य समिति में स्थापित कॉल सेंटर को दोनों प्रकार की जिम्मेवारी सौंप दी गयी है. समस्या यह है कि यह कॉल सेंटर 24 घंटे काम भी नहीं करता. कभी टेलीफोन की गड़बड़ी तो कभी मेडिकल एडवाइस नहीं मिलती. इस कॉल सेंटर को लेकर कोई वरिष्ठ पदाधिकारी को भी जवाबदेह नहीं बनाया गया है. नतीजा है कि मरीजों को सेवा नहीं भी मिले तो जवाबदेही पदाधिकारी पर नहीं है. राज्य स्वास्थ्य समिति में स्थापित कॉल सेंटर को किसी भी अस्पताल में प्रचारित-प्रसारित नहीं किया गया है. नतीजा है कि आम नागरिकों को समस्या होने के बाद भी वापस लौट जाता है.

नंबर पूरी तरह से प्रचारित-प्रसारित नहीं किया गया
राज्य स्वास्थ्य समिति में स्थापित कॉल सेंटर के नंबर को पूरी तरह से प्रचारित-प्रसारित भी नहीं किया गया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग में स्थापित कॉल सेंटर को प्रचारित-प्रसारित किया गया था. हर अस्पतालों को निर्देश दिया गया था कि कॉल सेंटर को अस्पताल में डिस्प्ले किया जाये. जब मरीज अस्पताल जाता था तो शिकायत होने पर शिकायत नंबर दर्ज कराते थे.

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