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कोलकाता से हर रोज आ रहे ‍Rs 20 लाख के गेंदे के फूल

किसानों को किया जायेगा जागरूक तकनीक के अभाव में पिछड़ रहे पटना जिले के किसान, लागत पर 50 फीसदी अनुदान देगी सरकार पटना : पटना में गेंदा के फूलों की मांग बहुत है. अगर मेहनत की जाये, तो पटना को गेंदा की खेती में अव्वल बनाया जा सकता है. लेकिन, तकनीक के अभाव में मात्र […]

किसानों को किया जायेगा जागरूक
तकनीक के अभाव में पिछड़ रहे पटना जिले के किसान, लागत पर 50 फीसदी अनुदान देगी सरकार
पटना : पटना में गेंदा के फूलों की मांग बहुत है. अगर मेहनत की जाये, तो पटना को गेंदा की खेती में अव्वल बनाया जा सकता है. लेकिन, तकनीक के अभाव में मात्र ठंड के मौसम में ही पटना जिले के किसानों द्वारा गेंदा की खेती की जाती है. इससे बाजार की मांग का मात्र 10 प्रतिशत ही पूर्ति हो सकती है. बाकी मौसम में गेंदा का फूल पूर्ण रूप से कोलकाता के बाजार पर निर्भर है.
वहां से फूलों को बाजार में लाया जाता है. जिला के सभी किसान सलाहकार को यह निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को गेंदा की खेती के लिए प्रोत्साहित करें. साथ ही उसकी बाजार में मांग के संबंध में लोगों को अवगत कराते हुए उन्हें इसकी खेती के लिए प्रेरित करें.
सभी किसान सलाहकार को निर्देश दिया गया है कि वे कृषकों को सब्सिडी के संबंध में अवगत कराएं. किसानों को बैंक के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के लिए कैंप लगाने का भी निर्देश दिया गया है.
बाजार बड़ा, पर अपने किसान पीछे : एक अनुमान के मुताबिक पटना शहर में हर दिन पंद्रह से बीस लाख रुपये का गेंदा कोलकाता से मंगवाया जाता है और यहां के किसान इसकी खेती में पिछड़ जाते हैं. जबकि, फायदा दूसरे राज्यों के किसानों व यहां के विक्रेताओं को होता है.
कुल लागत पर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी : कुल लागत पर सरकार द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्रावधान है. लेकिन, इसके बारे में किसानों को जानकारी नहीं है. इसलिए सरकार ने प्रशिक्षण शिविर लगा कर गेंदा की खेती को बढ़ावा देने की रणनीति बनायी है.
खेती में प्रति हेक्टेयर 40 हजार होते हैं खर्च
किसान सलाहकारों को सभी प्रखंड में स्थल चिह्नित करने एवं किसानों को गेंदा की खेती के लाभ से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. गेंदा की खेती में प्रति हेक्टेयर लगभग 40 हजार रुपये खर्च होते हैं, जिसमें सरकार द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. सरकार की योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को भी स्थल भ्रमण कर गेंदा की खेती में गुणात्मक सुधार लाने के लिए कोशिश करेंगे. कृषकों की सुविधा के लिए बिजली की व्यवस्था किसान के खेतों तक की जायेगी.
ऐसे किसानों को मिल सकता है अनुदान
जिनके पास 20 कट्ठा से अधिक जमीन हो, वह अपने ब्लॉक में बीडीओ के यहां आवेदन करेंगे.
कुल लागत पर सरकार द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्रावधान है.
अावेदन करने के बाद बीडीओ व कृृषि विशेषज्ञों के द्वारा खेत का निरीक्षण किया जायेगा.
आवेदन करने के पूर्व फूल की खेती का अनुभव हो.
जागरूक किसान व प्रशिक्षण लेनेवाले किसानों को प्राथमिकता दी जाती है.

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