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मंदिरों में चढ़ावेवाले फूलों से बनेगा कंपोस्ट : विवेक
वन व पर्यावरण विभाग करेगा पहल, बेकार फूलों को किया जायेगा एकत्रित आस्था को प्रदर्शित करनेवाले फूल अब बेकार नहीं होंगे. न ही उन फूलों को जहां-तहां फेंका जायेगा. उन फूलों को मंदिरों से देर शाम या अगले दिन उतरने के बाद एक जगह एकत्रित किया जायेगा. वन व पर्यावरण विभाग इसे एकत्र कर बेकार […]
वन व पर्यावरण विभाग करेगा पहल, बेकार फूलों को किया जायेगा एकत्रित
आस्था को प्रदर्शित करनेवाले फूल अब बेकार नहीं होंगे. न ही उन फूलों को जहां-तहां फेंका जायेगा. उन फूलों को मंदिरों से देर शाम या अगले दिन उतरने के बाद एक जगह एकत्रित किया जायेगा.
वन व पर्यावरण विभाग इसे एकत्र कर बेकार हो चुके फूलों से वर्मी कंपोस्ट तैयार करेगा. इसे राजधानी के नर्सरी और संजय गांधी जैविक उद्यान व इको पार्क में उपयोग होगा. वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि बेकार हो चुके फूलों का वर्मी कंपोस्ट के रूप में उपयोग करना एक अच्छी पहल होगी.
उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से वह इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देंगे. बेकार हो चुके फूलों के वर्मी कंपोस्ट से पौधों को खाद मिल सकेगा. बीते रविवार प्रभात खबर ने मंदिरों में चढ़ावे के रूप में चढ़ाये जानेवाले फूलों की पड़ताल की. इसमें पाया कि शहर के विभिन्न मंदिरों से हर माह 150 टन से अधिक फूल चढ़ाये जाते हैं, जो देर शाम ही वेस्ट हो जाते हैं. इनमें सबसे अधिक फूल करीब 45 टन महावीर मंदिर में चढ़ाये जाते हैं.
इसके बाद मंदिरों से उतरने के बाद इन फूलों को कचरे के ढ़ेर में कभी गंगा घाटों पर फेंक दिये जाते हैं, तो कभी मंदिरों के आस-पास स्थित गढ्ढों में. ऐसे में करीब 150 टन चढ़ावे वाले फूल शहर में कचरों के रूप में इधर-से-उधर फेंक दिया जाता है. इन फूलों को एकत्र कर अब इसका उपयोग संभव हो सकेगा. वन व पर्यावरण विभाग की पहल से राजधानी को साफ सफाई और प्रदूषण की बड़ी समस्या से निजात मिल सकेगा.
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