पहले राज्य के मरीजों को इसके लिए बाहर जाना पड़ता था. अब राज्य के मरीज यहां पर ही अपना सफल इलाज और फॉलोअप करा सकेंगे. उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को इसके लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के लिए गठित राज्यस्तरीय चिकित्सा बोर्ड में आवेदन करना होगा.
इसके बाद बोर्ड द्वारा संबंधित मरीज को इलाज के लिए राशि दी जायेगी. निदेशक प्रमुख ने बताया कि कॉक्लियर इंप्लांट पर करीब चार-छह लाख तक खर्च आयेंगे. बोर्ड द्वारा मरीजों के आवेदन के बाद सहायता राशि पर विचार किया जायेगा और राशि दी जायेगी. इधर, आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान द्वारा इसकी तैयारी कर ली गयी है.