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हाइ व प्लस टू स्कूलों में अब नियमित शिक्षकों की बहाली
शिक्षा में सुधार का बड़ा कदम. 9,300-34,800 होगा वेतनमान निर्भय पटना : प्रदेश के हाइ व प्लस टू स्कूलों में फिर से पुराने वेतनमान (9300-34,800) वाले नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होगी. बिहार लोक सेवा आयोग के जरिये यह नियुक्ति प्रक्रिया होगी और प्रतियोगी परीक्षा के जरिये नये शिक्षकों का चयन किया जायेगा. इस नियुक्ति प्रक्रिया […]
शिक्षा में सुधार का बड़ा कदम. 9,300-34,800 होगा वेतनमान
निर्भय
पटना : प्रदेश के हाइ व प्लस टू स्कूलों में फिर से पुराने वेतनमान (9300-34,800) वाले नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होगी. बिहार लोक सेवा आयोग के जरिये यह नियुक्ति प्रक्रिया होगी और प्रतियोगी परीक्षा के जरिये नये शिक्षकों का चयन किया जायेगा.
इस नियुक्ति प्रक्रिया में नियोजित शिक्षक भी शामिल हो सकेंगे और इसके लिए उन्हें अनुभव के आधार पर अलग से वेटेज अंक भी दिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने रखा जायेगा और उनकी सहमति मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इंटरमीडिएट के रिजल्ट में आयी गिरावट के बाद शिक्षा विभाग हाइ व प्लस-टू स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह कदम उठाने जा रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग हाइ व प्लस टू स्कूलों की शिक्षा के विकास के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. हाइ व प्लस टू स्कूलों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने से वर्तमान में पंचायती राज संस्थाअों के जरिये हो रही बहाली प्रक्रिया नहीं होगी और सरकार इसे वापस ले सकती है.
बिहार लोक सेवा आयोग या फिर विद्यालय सेवा बोर्ड का गठन कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा के साथ साक्षात्कार को भी चयन का आधार बनाया जा सकता है. इसमें नियुक्त होने वाले शिक्षकों को 9,300-34,800 रुपये का वेतनमान भी दिया जायेगा. नियोजित शिक्षकों को उनकी सेवा के आधार पर पांच से 10 अंक का वेटेज भी दिया जा सकेगा. विभाग इसके लिए साल-दर-साल काम करने को आधार बना सकता है.
नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त में संगठनों से लिये जायेंगे सुझाव
पटना. राज्य के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए शिक्षक संगठनों से भी सुझाव लिये जायेंगे.सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी ने शिक्षा विभाग को शिक्षक संगठनों से इस मामले पर बातचीत करने का निर्देश दिया है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि शिक्षक संगठनों से आने वाले सुझावों के बाद कमेटी अपनी अनुशंसा सरकार को करेगी. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कमेटी को बताया था कि माध्यमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ समेत नियोजित शिक्षकों के संगठनों की ओर से सुझाव देने की लगातार मांग उठती रही है. इसके बाद कमेटी ने विभाग को जल्द से जल्द तारीख तय कर शिक्षक संगठनों से सुझाव लेने का निर्देश दिया है.
नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों की सेवा शर्त के निर्धारण के लिए अगस्त, 2015 में ही मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कमेटी गठित की थी. कमेटी में वित्त, शिक्षा, सामान्य प्रशासन, नगर विकास व आवास, पंचायती राज विभाग व प्रधान अपर महाधिवक्ता शामिल हैं. यह कमेटी मुख्य रूप से नियोजित शिक्षकों की सेवा निरंतरता, एेच्छिक स्थानांतरण, सेवाकालीन प्रशिक्षण, प्रोन्नति के अवसर, अनुशासनिक प्राधिकार का निर्धारण करेगी. इस पर कमेटी ने विभागीय कार्रवाई पूरी कर ली है. और अब शिक्षक संगठनों के सुझाव लेने के बाद कमेटी सेवा शर्त को लेकर सरकार को अपनी अनुशंसा करेगी.
बीपीएससी ने प्रारंभिक तो विद्यालय सेवा बोर्ड ने की है माध्यमिक में बहाली
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बीपीएससी के जरिये प्राथमिक स्कूलों के नियमित शिक्षकों की बहाली हो चुकी है. पीटी और मेंस परीक्षा के आधार पर इनकी बहाली हुई. इन्हें 9,300-34,800 रुपये का वेतनमान भी दिया जा रहा है. वहीं, विद्यालय सेवा बोर्ड से पूर्व में माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की बहाली होती थी. बोर्ड विज्ञापन निकालता था. शैक्षणिक योग्यता पर 80 नंबर और 20 नंबर इंटरव्यू पर दिये जाते थे. इसी मेधा के आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाता था और लिस्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजा जाता था. विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक नियुक्ति की घोषणा करते थे.
हाइ-प्लस टू स्कूलों में खाली हैं 18 हजार पद
हाइ-प्लस टू स्कूलों में अब भी 18 हजार नियोजित शिक्षकों के पद खाली हैं. शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद 2012 में शुरू हुई बहाली प्रक्रिया में 17,500 पदों पर हाइ स्कूल में और 17,587 पदों पर प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की बहाली होनी थी, लेकिन कई चरणों के बाद भी यह पूरी नहीं हो सकी. अभी भी हाइ स्कूलों में 5,500 पद और प्लस टू स्कूलों में 12,500 पद खाली हैं.
पंचायतवार नियोजित शिक्षकों की होती है बहाली
वर्तमान में 5,391 हाइ व प्लस टू स्कूलों में नियोजित शिक्षकों की बहाली होती है. पंचायतवार नियोजन इकाइयों के जरिये शैक्षणिक योग्यता के आधार पर शिक्षक बहाल किये जाते हैं. यह प्रक्रिया 2006 से ही चल रही है और अब तक हाइ स्कूलों में करीब साढ़े 22 हजार और प्लस टू स्कूलों में साढ़े 11 हजार शिक्षकों की बहाली हुई है. वहीं, पुराने वेतनमान वाले करीब 7,500 नियमित शिक्षक कार्यरत हैं. नियमित शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के साथ ही उनके पद नियोजित में शामिल हो जा रहे हैं.
कई विषयों के नहीं मिल रहे हैं शिक्षक
हाइ व प्लस टू स्कूलों में कई विषयों के शिक्षक भी नहीं मिल रहे हैं. विज्ञान, गणित, अंगरेजी समेत कई विषय हैं, जिनमें शिक्षक नहीं के बराबर हैं. इन पदों को भरने के लिए 2012 के बाद 2016 में फिर से आवेदन भी लिये गये, लेकिन अभ्यर्थी ही नहीं मिले. एसटीइटी में क्वालिफाइ करने के बाद भी वेतन की राशि कम होने के कारण अभ्यर्थी बहाली प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. सरकार ने इन विषयों का एसटीइटी लेने का निर्णय भी लिया और बिहार बोर्ड को अनुशंसा भी की गयी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी.
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