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2019 व 20 में बिहार में जीतेगी भाजपा, अफवाह फैला कर महागठबंधन ने जीत लिया था विधानसभा चुनाव : नित्यानंद

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत – दो साल बाद लोकसभा चुनाव होना है. विरोधी केंद्र को फेल बता रहे हैं, महागठबंधन के मुकाबले भाजपा अपने को कहां पाती है? 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा सभी सीटों पर चुनाव जीतेगी. पार्टी ने चालीस सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. […]

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत
– दो साल बाद लोकसभा चुनाव होना है. विरोधी केंद्र को फेल बता रहे हैं, महागठबंधन के मुकाबले भाजपा अपने को कहां पाती है?
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा सभी सीटों पर चुनाव जीतेगी. पार्टी ने चालीस सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी. एकाध सीट छोड़ दी जाये तो हम सभी सीट जीतेंगे. डेढ़ साल में परस्थितियां बदली हैं.
अति पिछड़ों को लग गया है कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की पार्टियां उन्हें धोखा दे रही है. केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय अति पिछड़ा आयोग का गठन कर न सिर्फ नौकरी की गारंटी, बल्कि उनके सभी प्रकार के हितों को सशक्तीकरण की दिशा में ठोस पहल की.लेकिन, अतिपिछड़ों के दम पर बिहार में सरकार बनाने वाले लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने केंद्र की पहल को समर्थन नहीं दिया. इससे उनकी मंशा उजागर होती है. केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर आम गरीब बिहारी भावनात्मक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ गया है. ऐसे में केंद्र की योजनाओं का लाभ भाजपा को मिलेगा.
– केंद्र की किन योजनाओं से भाजपा की उम्मीद बंधी है?
उज्ज्वला योजना, सिंचाई योजना, अंत्योदय , सबका साथ-सबका विकास, मुद्रा योजना से किसाान, युवा और महिलाओं में उत्साह है. मैं जिलों में देखता हूं, गरीब घर की महिलाओं में केंद्र की योजनाओं की चर्चा है. महिलाएं कहती हैं कि नरेंद्र मोदी ने जो अनाज भेजा है, वह यहां की सरकार हमें नहीं देती. किसानों को लगता है कि उनके लिए केंद्र सरकार ने नयी सिंचाई योजना लायी है. इसी प्रकार युवाओं का आकर्षण मुद्रा बैंक योजना है.
– एक बार फिर जदयू के भाजपा के निकट आने की चर्चा है. सुशील कुमार मोदी ने भी माना है कि लालू प्रसाद पर लगे आरोपों से जुड़े कागजात जदयू ने ही उपलब्ध कराये हैं. भाजपा इसे किस तरह देख रही है?
यह गलत सूचना है. हम इससे सीधा इनकार करते हैं कि जदयू और भाजपा निकट आ रहे हैं. हमने राज्यहित के मामले पर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद दोनों पर ही हमला किया है. किसी सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने ऐसा कह दिया हो, पर जो आरोप उन्होंने लगाया है वह सौ फीसदी सच है. सूचना जहां से भी आयी हो, आरोप सही हैं. सरकार की सारी विफलताओं को हमने उजागर किया है.
सच तो यह है कि 1990 में लालू प्रसाद और 2005 में नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से कमजोर थे. उस समय भाजपा ने उनकी सरकार बनवायी. आज भाजपा को अपने इस फैसले पर पछतावा हो रहा है. कारण, दोनों ने ही लोकनायक के संकल्पों के साथ और राज्य के हित के साथ धोखा किया है. जब जदयू के साथ भाजपा सरकार में थी, सारे विकास कार्य चाहे स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या सड़क निर्माण का, भाजपा के मंत्रियों ने ही काम किया. यह भी सही है कि इस सारे विकास कार्यों का श्रेय जदयू ले गया. भाजपा जब से विपक्ष में है, एक दिन भी चैन से नहीं बैठी है. बिजली बिल का मुद्दा हो या धान खरीद या फिर विधि-व्यवस्था का, भाजपा सरकार ने आम लोगों के हित में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया है.
– भाजपा विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से पटखनी खा चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी गैर भाजपा दलों की एकता की कोशिश हो रही है. ऐसे में 2019 और 20 में जीत का गणित क्या है?
विधानसभा का चुनाव राजद और जदयू ने अफवाह फैला कर जीता था. आरक्षण खत्म करने को लेकर भाजपा के खिलाफ गलत अफवाहें फैलायी गयीं. हम इसका जवाब देने में चूक गये. आरक्षण को लेकर भाजपा का यह तर्क था कि जिस वर्ग को यह लाभ मिल रहा है, वह सही है.
सिर्फ उस वर्ग के कमजोर लोगों को इसका लाभ मिले, यही कहना था. लेकिन, यह बताने में हम एग्रेेसिव नहीं हो पाये और यहीं हम चूक गये. अब परिस्थितियां बदली हैं. डेढ साल में राज्य की जनता समझ गयी है कि उसके साथ लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने धोखा किया है.
हकीकत यह है कि भाजपा आरक्षण की खासकर मंडल कमीशन की सबसे बड़ी समर्थक रही है. अटल बिहारी वाजपेयी ने मंडल को लेकर पटना में जो भाषण दिया था, लोग उसे आज भी याद करते हैं. अति पिछड़ी जातियों ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता माना है. हम जातियों की गोलबंदी नहीं करते. लेकिन, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों का एक बड़ा समूह भाजपा की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.
सबका साथ-सबका विकास योजना में केंद्र सरकार समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान के दिशा में काम कर रही है. ऐसे में जहां महागठबंधन के प्रति लोगों का भ्रम टूटा है वहीं भाजपा का दायरा बढ़ रहा है.
– विधानसभा चुनाव में यादव समुदाय का वोट राजद को मिला, आपको भाजपा अध्यक्ष बनाये जाने से पार्टी को कितना लाभ होगा?
मैं इसके पहले चार टर्म विधायक रह चुका हूं. विधायक की खाली की गयी सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीता. ऐसे में अब यादव समुदाय में लालू प्रसाद की दाल नहीं गलने वाली है. दरअसल, लालू प्रसाद के पंद्रह साल के कार्यकाल में सबसे अधिक नुकसान यादव समुदाय काे ही हुआ है. यह समाज अब महसूस कर रहा है कि लालू प्रसाद ने उन्हें धोखा दिया है. जिस चारा घोटाले की राशि से लालू का कद और रूतबा बढ़ा है वह सरकारी राशि इसी समुदाय के विकास के लिए खर्च होनी थी. यादव समुदाय में भाजपा के प्रति प्रेम बढ़ा है. युवा हों या बुजुर्ग लालू प्रसाद के फेर में अब फंसने वाले नहीं हैं. उन्हें भी विकास चाहिए और भाजपा यह सब कर रही है.
– बिहार भाजपा पर आरएसएस का कितना हस्तक्षेप है?
भाजपा राजनीतिक पार्टी है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अपनी छवि है. कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं जिस पर भाजपा संघ परिवार से प्रेरणा लेती है. सेवा और सक्रियता हम उन्हीं से सीखते हैं. बाकी कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. उनके अपने काम हैं हमारे अपने हैं.

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