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अनुमंडल स्तर पर नहीं शुरू हो पाया महिला कोषांग
पटना : हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके, इसके लिए महिला विकास निगम की ओर से अनुमंडल स्तर पर थानों में महिला कोषांग को स्थापना की जानी थी. पर दो साल बाद भी अब तक अनुमंडल स्तर पर महिला कोषांग की स्थापना नहीं हो सकी है. जबकि निगम को घरेलू हिंसा का नोडल […]
पटना : हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके, इसके लिए महिला विकास निगम की ओर से अनुमंडल स्तर पर थानों में महिला कोषांग को स्थापना की जानी थी. पर दो साल बाद भी अब तक अनुमंडल स्तर पर महिला कोषांग की स्थापना नहीं हो सकी है. जबकि निगम को घरेलू हिंसा का नोडल एजेंसी बनाया गया है. बावजूद इसके हिंसा से निबटने के लिए कोषांग गठित करने की योजना अब तक पूरी नहीं हो पायी है.
पुराने की भी सुस्त प्रक्रिया : वहीं, वर्ष 2014 में पटना जिला 23 थानों में महिला कोषांग की स्थापना तो की गयी है. लेकिन दो थाने ऐसे है. जहां, महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. दो थानों में एक काउंसेलर से ही काम चलाया जा रहा है. निगम द्वारा काउंसेलर की नियुक्ति के कुछ दिनों बाद ही शास्त्री नगर थाना की काउंसेलर द्वारा नौकरी छोड़ कर चले जाने के बाद से सचिवालय थाना काउंसेलर को अतिरिक्त भार दे दिया गया था. ऐसे में 23 थानों का काम 22 काउंसेलरों से ही काम लिया जा रहा है.
पांच महीने से नहीं मिली सैलरी
काउंसेलरों में पांच महीने से सैलरी नहीं मिलने से आक्रोश है. उन्हें तरह -तरह के ट्रेनिंग तो दी जाती है, पर उनके काम करने के बदले में पैसे नहीं दिये जा रहे हैं. पैसों के अभाव में काउंसेलर काम छोड़ने को विवश हैं. निगम की ओर से पूर्व में महिला कोषांग की स्थापना ब्रिटिश संस्था डीएफआइडी के सहयोग से तीन वर्ष के अनुबंध पर की गयी थी, जो फरवरी समाप्त हो गया.
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