नवादा (नगर) : पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जो आदर्श आचार संहिता बनाया गया है. इसकी धज्जियां उम्मीदवार ही उड़ा रहे है. पंचायत चुनाव के लिए किसी भी प्रकार से आचार संहिता के उल्लंघन करने पर कड़े कानूनी प्रक्रियाओं की व्यवस्था है. उम्मीदवारों के लिए जो निर्देश जारी किये गये हैं उनमें […]
नवादा (नगर) : पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जो आदर्श आचार संहिता बनाया गया है. इसकी धज्जियां उम्मीदवार ही उड़ा रहे है. पंचायत चुनाव के लिए किसी भी प्रकार से आचार संहिता के उल्लंघन करने पर कड़े कानूनी प्रक्रियाओं की व्यवस्था है. उम्मीदवारों के लिए जो निर्देश जारी किये गये हैं उनमें कई ऐसी बातें है, जिनका खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग द्वारा किसी भी धार्मिक स्थल या धार्मिक कार्यक्रमों का उपयोग चुनाव प्रचार के दिन नहीं किया जाना है.
लेकिन त्योहारों के नाम पर मिलने मिलाने व पूजा की व्यवस्था करने में आर्थिक मदद देने का काम प्रत्याशियों द्वारा किया जा रहा है. सभा करने के लिए सक्षम पदाधिकारी द्वारा अनुमति लिया जाना अनिवार्य है. वहीं गाड़ियों पर माइक, बाजा इस्तेमल करने के लिए भी अनुमति लेना है. लेकिन इसका पालन होता नहीं दिख रहा है.
जुलूस की स्थिति यह है कि कोई भी उम्मीदवार बिना अनुमति के ही अपने क्षेत्र में समर्थकों के साथ नारा लगाते हुए जहां-तहां जुलूस की शक्ल में दिख जाते है. प्रत्याशियों द्वारा लगातार आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है. लेकिन अधिकारी इसे रोक पाने में सक्षम नहीं दिख रहे है.
जांच में तालिमी मरकज निकला पूर्व सरपंच : पकरीबरावां. बुधवार को प्रखंड मुख्यालय में अंचलाधिकारी राजेश रंजन के सामने एक बड़ा ही दिलचस्प मामला उजागर हुआ. सीओ राजेश रंजन ने बताया कि किसी ने शिकायत की थी कि पकरीबरावां उत्तरी से पंच की उम्मीदवार शाहीन परवीन के पक्ष में मतदान करने की अपील तालिमी मरकज में काम कर रहे मोहम्म्द हासिम राइन अपना फोटो लगा कर कर रहे है. जांच में सबसे दिलचस्प बात सामने आया कि मोहम्म्द हासिम राइन इससे पहले उत्तरी पंचायत के सरपंच पद पर कार्यरत भी हैं. वर्तमान सरपंच की जिम्मेवारी भी उन्हीं के हाथों में है.
जानकार बताते हैं कि मोहम्मद हासिम राईन जो वर्तमान सरपंच हैं, उनके पुत्र दोनों ही तालिमी मरकज में कार्य भी कर रहे हैं. आखिर किस रूप से जांच हुई और तालिमी मरकज में काम करते हुए पांच वर्ष तक सरपंच पद पर कैसे काबिज रहे, यह एक जांच का विषय है. तालिमी मरकज में काम करने की पुष्टि करते हुए बीइओ हीरा शाह ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से इस सेवा में हैं. उन्हें सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान भी किया जाता है. सीओ राजेश रंजन ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. वरीय अधिकारियों के गाइडलाइन के आधार पर अगली कार्रवाई की जायेगी.
सही प्रतिनिधि चुनने की बात मन में ही
जनता की चुप्पी से उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ी