– ग्रामीण विद्युतीकरण के काम में पिछड़ रहा जिला
– संसाधन व कर्मचारियों की कमी की वजह से पड़ रहा असर
– 596 गांवों तक पहुंची बिजली
– कई जगह पोल व तार की हो रही चोरी
– ट्रांसफॉर्मर खराब होने से नहीं रोशन हो रहे कई गांव
– खराब ब्रेकरों के सहारे चल रहे फीडर
नवादा : सभी गांवों तक बिजली नहीं पहुंची, तो नहीं मांगेंगे वोट. जी हां! यह दावा प्रदेश के मुख्यमंत्री का है. सीएम के इस दावे को जिले में बिजली विभाग पूरा करना नहीं दिख रहा है.
जिले के 187 पंचायतों के सभी गांवों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाइ) के तहत रोशनी पहुंचाने के लिए पोल व तार बिछाने का काम पिछले दो–तीन वर्षो से ठप पड़ा हुआ है. इस योजना के तहत जिन गांवों में पोल व तार लगाये गये हैं, उन गांवों में भी बिजली की रोशनी नहीं पहुंची है.
कागजी खेल बनी योजना
बिजली विभाग के आंकड़ों पर विश्वास करें, तो ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत जिले के 596 गांवों तक ही बिजली पहुंचायी गयी है, लेकिन यह आंकड़ा भी महज कागजी खेल बन कर रह गया है. आरजीजीवीवाइ के तहत गांवों के 16 व 25 केवी क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाये गये हैं, जिससे गांवों में रोशनी नहीं हो पा रही है.
बिजली सप्लाइ नहीं होने के कारण पोल व तारों की भी चोरी धड़ल्ले से हो रही है. हाल में ही नारदीगंज में चोरी के तार जब्त किये गये हैं. तार चोरी की घटना से धमौल, जम्हरिया, पररिया जैसे गांवों में बिजली काफी समय से नरादर है. सरकार के महत्वाकांक्षी योजना का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
नहीं पहुंच रही बिजली
हालांकि, विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान यह स्वीकार करते हैं कि इस योजना के तहत 596 गांवों में से कई गांवों में बिजली वितरण की व्यवस्था अभी भी ठीक नहीं हो पायी है. 55 से 60 गांवों में ट्रांसफॉर्मर खराब होने के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित है.
बाकी के लिए डीपीआर
जिले में बिजली से वंचित गांवों में आरजीजीवीवाइ का लाभ पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाया गया है. डीपीआर के आधार पर सर्वे का काम चल रहा है. विद्युतीकरण के दूसरे चरण में विलंब के कारण समस्या बढ़ी है.
संसाधन की कमी
बिजली विभाग को जिले में बिजली वितरण में कई तरह ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विभाग के पास संसाधनों की घोर कमी है. पावर सब स्टेशनों का ब्रेकर खराब है. इसके कारण विभाग के कर्मचारियों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सद्भावना फीडर, वारिसलीगंज, पकरीबरावां, रोह आदि सब स्टेशनों के फीडर खराब ब्रेकर के सहारे काम रहे हैं.
जिले में सबसे बड़े डोभरा पर सब स्टेशन में कर्मचारियों को टायर के टुकड़े के सहारे मशीन चलाना पड़ता है, जबकि बैटरी व चाजर्र खराब रहने की वजह से फॉल्ट आने पर सीधे 33 हजार वोल्ट के तार से पावर बंद हो रहा है, जो बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है. संसाधन के साथ–साथ काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की भी कमी है.