हाल कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय का
हिसुआ : बालिकाओं के शैक्षणिक पिछड़ेपन को दूर करने लिए राज्य शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित प्रखंड के कस्तूरबा विद्यालय कई कमियों व विसंगतियों के कारण अपने उद्देश्यों से भटक रहा है. यहां पढ़ने वाली बालिकाओं को बेहतर व मानक शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
अभिभावकों ने जिस उद्देश्य से बालिकाओं को यहां भेजा था उसकी पूर्ति नहीं हो रही है. नगर के प्रखंड परिसर में अधिकारियों की नाक के नीचे चलने वाला विद्यालय कई कर्मियों व विसंगतियों का दंश ङोल रहा है. विद्यालय में एक वार्डेन और एक शिक्षिका है, जबकि यहां छह शिक्षिकाएं होनी चाहिए. नियमित समयानुसार शिक्षण का कार्य लगभग ठप है. प्रशिक्षक के नहीं होने के कारण यहां व्यावसायिक प्रशिक्षण व कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
अभिभावकों की गोष्ठी, छात्राओं का परिभ्रमण समेत कई लाभ नहीं मिल रहा है. लाइब्रेरी व पुस्तकों की सुविधा इन बालिकाओं को नहीं मिल रहा है. बालिकाओं को मिलने वाले पोषाहार पर भी अंगुलियां उठने लगी है. बेहतर खाना नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं. लेखापाल के नहीं रहने के कारण विभिन्न मदों में आने वाले रुपये का लेखा-जोखा व उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा कराने में परेशानी आ रही है.
इससे आवंटन में विलंब होता है. फिलवक्त कई मदों के आवंटन नहीं मिलने की बातें बतायी जा रही हैं. विद्यालय के निरीक्षण के दौरान छात्राओं व रसोइया ने कई शिकायतें की. खाना बनाने के लिए बेहतर कुकर नहीं रहने की शिकायत की गयी. इसके कारण हमेशा कुकर फटने की आशंका बनी रहती है.