जिले में कुकुरमुत्ते की तरह खुले प्राइवेट कोचिंग संस्थानों पर प्रशासन की नजर
नवादा : जिला में संचालित होने वाले कोचिंग, ट्यूशन व अन्य व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों पर प्रशासन कार्रवाई करेगी. शिक्षा विभाग के अनुसार 25 अगस्त से वैसे कोचिंग व ट्यूशन संस्थान पर कार्रवाई करेगी, जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.
अभियान चला कर ऐसे संस्थानों को बंद करा कर जुर्माना भी वसूला जायेगा. जानकारी हो कि सोमवार को डीएम एवं एसपी ने बिना रजिस्ट्रेशन के चलाये जा रहे कोचिंग व अन्य शिक्षण संस्थाओं पर कार्रवाई करने की बात कही थी.
उस निर्देश पर शिक्षा विभाग सख्त रूप अपनाते हुए गैर पंजीकृत संस्थानों पर कार्रवाई करने की योजना बना रहा है. नगर में पिछले दिनों हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद एहतियात के तौर पर इस प्रकार के कदम उठाये जा रहे हैं.
ज्ञात हो कि वर्ष 2010 में ही कोचिंग, ट्यूशन व अन्य शिक्षण संस्थानों का पंजीयन कराने के लिए तिथि निकाली गयी थी. तत्कालीन डीइओ अख्तर सईद के समय केवल दो कोचिंग सेंटरों ने पंजीयन के लिए आवेदन किया था. लेकिन विभाग की सुस्ती के कारण कोचिंग सस्ंथानों ने ही मौन साधा लिया, या विभाग के कर्मचारियों से मिलाप कर अपने मनमानी करने लगे.
डीएम व एसपी के निर्देश पर शिक्षा विभाग से लेकर कोचिंग संस्थानों में हड़कंप मचा हुआ है. अभियान चलने के पहले ही अपने पहुंच से कर्मचारियों व अधिकारियों के शरण में पहुंचने लगे हैं.
कई मानक हैं तय
पंजीयन प्राप्त करने के लिए कोचिंग सेंटर में भवन की स्थिति, बैठने की व्यवस्था, शिक्षकों की योग्यता, विद्यार्थी शिक्षक का अनुपात आदि तय किये गये थे. शिक्षा विभाग द्वारा इस मुद्दे पर सख्ती से प्रयास नहीं किये जाने के कारण आज तक एक भी कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा सका.
50 प्राइवेट स्कूलों को मान्यता
रजिस्ट्रेशन कराने में जिले के निजी स्कूल आगे है. पहले चरण में 287 स्कूलों द्वारा प्रस्वीकृति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिये गये थे. जिनमें 50 स्कूलों का रजिस्ट्रेशन कर मान्यता दिया गया. 31 जुलाई तक विभाग द्वारा दोबारा जिला के स्कूलों से आवेदन लिये गये. जिसमें पुन: 282 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
जिनको मानक के अनुसार जांच कर मान्यता देने की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन प्राइवेट कोचिंग व ट्यूशन सेंटर को प्रस्वीकृति लेने के लिये दबाव नहीं दिया गया. जिसके कारण एक भी कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है.
मनमानी फीस की वसूली
जिले में संचालित कोचिंग व ट्यूशन सेंटर संचालक काफी मनमानी करते हैं. शिक्षक छात्र का अनुपात, शिक्षकों की योग्यता आदि का ध्यान शायद ही कोई शिक्षण संस्थान रख रहा है. नगर में इंटर साइंस के लिये व्यक्तिगत तौर से ट्यूशन सेंटर की भरमार है. लेकिन यहां के हालात और भी खराब है. सीट पर बैठने तक के लिए मारामारी होती है. फी संरचना तय नहीं होने के कारण मनमाना वसूली किया जाता है.
विभाग उठा रहा कदम
शिक्षा विभाग के अनुसार कोचिंग, ट्यूशन सेंटरों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए सख्त कदम उठाये जायेंगे. डीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में पंजीयन कराने की तिथि नये सिरे से तय कर आवेदन लिये जायेंगे तथा जो संस्थान मानकों पर खड़ा उतरेगा उसे स्वीकृति दिया जायेगा.