गोविंदपुर आनेवाली दोनों सड़कें हो गयीं जजर्र
गोविंदपुर : प्रखंड मुख्यालय पहुंचने वाली सड़कें दशकों से जजर्र है. इसे लेकर जनप्रतिनिधियों को भी अक्सर प्रखंडवासियों का आक्रोश झेलना पड़ता है. बावजूद इसके निर्माण की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती. राज्य सरकार ने इसके एक पथ को स्टेट हाइवे का भी दर्जा दे रखा है.
पर, विभाग इसके निर्माण की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रह है. जानकारी के अनुसार, गोविंदपुर प्रखंड झारखंड राज्य की सीमा से सटा है. कोडरमा जिले का सतगांवा प्रखंड इसी गोविंदपुर से होकर पहुंचा जाता है. ऐसे में सड़क की महत्ता को आसानी से समझा जा सकता है.
नेमदारगंज-बकसोती पथ
इस सड़क की लंबाई 20.30 किलोमीटर है. यह एनएच-31 से अकबरपुर के बरेव अड्डा से निकल कर भाया नेमदारगंज बकसोती होते हुए गोविंदपुर पहुंचती है. सड़क पूरी तरह जजर्र हो चुकी है. अब पथ निर्माण विभाग ने इस सड़क का अधिग्रहण कर लिया है. बावजूद विभागीय फाइल जहां है वहीं पड़ी है.
फतेहपुर-गोविंदपुर पथ
यह सड़क एनएच-31 के अकबरपुर प्रखंड के फतेहपुर मोड़ से निकली है. पथ निर्माण विभाग ने राज्य सरकार के निर्णय पर इसे स्टेट हाइवे -103 का दर्जा दिया है. साथ ही इस पथ का विस्तार करते हुए एनएच-82 पर मंझवे को इसका उद्गम स्थल बनाया गया है. इस प्रकार मंझवे से गोविंदपुर तक की लंबाई 46 किलोमीटर बतायी जाती है, जो सीधे झारखंड की सीमा में प्रवेश कर जाती है. यह सड़क भी जजर्र हालत में है.
इसी सड़क से प्रसिद्ध ककोलत जल प्रताप जाने वाली सड़क निकली है. साथ ही मेसकौर प्रखंड में स्थित जगत जननी माता सीता से जुड़ी सीतामढ़ी का मंदिर भी है.
विभागीय स्तर पर कई बार इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने की. पर, जनप्रतिनिधियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. लोगों के आक्रोश को देखते हुए जिला पार्षद जीवन लाल चंद्रवंशी ने 25 से चरणबद्ध चलाने की घोषणा कर दी. आंदोलन के विभिन्न चरणों में अनिश्चितकालीन अनशन, सड़क जाम, भूख हड़ताल आदि शामिल है. हालांकि, इसकी तैयारी को लेकर व्यापक स्तर पर पंचायतों में जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है.