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बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से अभिभावक परेशान

सवाजपुर सराय पंचायत में हैं पांच प्राथमिक विद्यालय आठ सौ बच्चों पर 25 शिक्षक तैनात, फिर भी बच्चों को नहीं मिलती है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मेसकौर : प्रखंड के सवाजपुर सराय पंचायत में पांच प्राथमिक विद्यालय है. इसमें बच्चों की संख्या करीब आठ सौ है. वहीं, इन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी 25 शिक्षकों पर है. […]

सवाजपुर सराय पंचायत में हैं पांच प्राथमिक विद्यालय
आठ सौ बच्चों पर 25 शिक्षक तैनात, फिर भी बच्चों को नहीं मिलती है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
मेसकौर : प्रखंड के सवाजपुर सराय पंचायत में पांच प्राथमिक विद्यालय है. इसमें बच्चों की संख्या करीब आठ सौ है. वहीं, इन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी 25 शिक्षकों पर है. फिर भी बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पा रहा है.
साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. इस बारे में अभिभावक सवाजपुर सराय निवासी टिंकू कुमार, चिंटू कुमार, वीरेंद्र कुमार सिंह, संतोष कुमार, सुरेश्वर सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि का कहना है कि 25 शिक्षक अगर आठ सौ बच्चे को नहीं पढ़ा सकते हैं तो ऐसी स्थिति में सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेमानी है. वहीं, कटघरा निवासी रवींद्र प्रसाद सिंह, रामनंदन सिंह, कामता प्रसाद शर्मा आदि ने कहा कि सवाजपुर सराय पंचायत में उच्च वर्ग की जनसंख्या अधिक है फिर भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. इन लोगों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विद्या नंदन ठाकुर के बारे में कहा है कि एक भी दिन सवाजपुर सराय पंचायत के किसी भी स्कूल में निरीक्षण नहीं किया है. अभिभावकों का कहना है कि इस तरह के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के प्रखंड में रहने का कोई मतलब ही नहीं है.
इसी प्रकार अजीतगढ़ निवासी भोला राजवंशी, उपेंद्र राजवंशी, उमेश राजवंशी, महेश राजवंशी आदि का शिकायत है कि अजीतगढ़ प्राथमिक विद्यालय में 165 बच्चे हैं. जबकि पांच शिक्षक हैं. फिर भी विद्यालय में मुश्किल से 25 बच्चे उपस्थित होते हैं. इसी तरह की शिकायत पंचायत के अधिकांश विद्यालयों की है. ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की है कि सवाजपुर सराय पंचायत शिक्षा की दृष्टि से प्रखंड में सबसे अधिक पिछड़ा हुआ है. अभिभावकों का कहना है कि सवाजपुर सराय पंचायत में बच्चे से अधिक शिक्षक बहाल हैं. फिर भी बच्चों को न तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जा रही है. संकुल समन्वयक सर्वेश कुमार गौतम का कहना है कि बात तो करना ठीक है कि बच्चे से अधिक शिक्षक बहाल हैं लेकिन विभाग अभी तक शिक्षकों को प्रशिक्षित नहीं कर पायी है. इसके कारण भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तत्काल नहीं उपलब्ध करायी जा रही है. प्रशिक्षित हो जाने के बाद सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी.

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