सरमेरा (नालंदा) : महाकालेश्वर के दर्शन कर यजमान के साथ लौट रहे सरमेरा के सिंघौल निवासी पुरोहित 55 वर्षीय रामाकांत त्रिवेदी की यूपी में हुए ट्रेन हादसे में मौत हो गयी थी. उनका शव कानपुर से एंबुलेंस के माध्यम से मंगलवार की सुबह सिंघैल गांव पहुंचा. शव के गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया. रोने-चिल्लाने व चीख-पुकार से सिंघौल गांव का वातावरण पूरी तरह गमगीन हो गया. परिवार के लोग, सगे-संबंधी व गांववाले शव आने के इंतजार में सुबह से ही गांव के मुहाने के पास गया थे
. शव को लेकर आया एंबुलेंस सबसे पहले गांव के मुहाने पर रुका था. थोड़ी देर बाद वहां से एंबुलेंस धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए मृतक रामाकांत त्रिवेदी के घर के पास पहुंचा. जहां शव को एंबुलेंस से उतारा गया. एंबुलेंस से शव के उतरते ही मृतक रामाकांत त्रिवेदी की पत्नी पुष्पा देवी, मृतक रामाकांत त्रिवेदी की पत्नी पुष्पा देवी, मृतक की मां 80 वर्षीया सुमंती देवी, बेटी मधु प्रिया, मृतक के तीनों बेटे शिवेंद्र त्रिवेदी, संतन त्रिवेदी, नंदन त्रिवेदी सहित सगे-संबंधी व गांववाले शव से लिपट कर रोने लगे. दिल को तार-तार कर देने वाला यह दृश्य था. वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों से निर्बाध रूप से आंसू निकल रहे थे.
गांव की महिलाएं व पुरुष इस मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाने में जुटे थे. मृतक रामाकांत त्रिवेदी के शव को गांव पहुंचने की सूचना पर गांव के लोग शव को अंतिम संस्कार करने के लिए जाने के उद्देश्य से अरथी तैयार कर रखी थी. रामाकांत त्रिवेदी का शव घर पहुंचते ही उनका बड़ा बेटा जो शव को लाने के लिए यूपी के अकबरपुर गये थे, बेहोश हो गये. गांववालों के प्रयास से उसे होश में लगा गया. ग्रामीणों ने शव को अरथी पर रख कर सजाया और अंत्येष्टि के लिए बाढ़ गंगा घाट लेकर रवाना हुए.