बिहारशरीफ : बैंक लोन की बकाया राशि चुकता करने के बाद भी एक व्यक्ति को कुर्की-जब्ती का नोटिस भेजा गया है. इससे लाभुक हैरान व परेशान है. परबलपुर प्रखंड के मिरजापुर निवासी बुंदी प्रसाद ने स्टेट बैंक परबलपुर की शाखा से स्वरोजगर के लिए लोन लिया था. राशि जमा करने के बाद बुंदी प्रसाद पर कुछ रुपये का बकाया रह गया था.
सिविल कोर्ट में आठ अगस्त, 2015 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के पदाधिकारियों एवं लाभुक के बीच आपसी समझौता के आधार पर 7126 रुपये बकाया भुगतान करने की बात तय हुई, जिसे अक्तूबर माह तक जमा करने का निर्देश दिया गया. साथ ही जमा नहीं करने की स्थिति में समझौता रद्द कर देने की बात कही गयी थी. बुंदी प्रसाद की बहू रिंकू देवी व पोता कुंदन कुमार ने तीन किश्तों में 26 अक्तूबर, 2015 तक बकाया 7126 रुपये जमा कर दिये.
इसके बाद परबलपुर के सीओ द्वारा आठ अगस्त, 2016 को ऋणी बुंदी प्रसाद, पिता फौजदारी सिंह के नाम से 11271 रुपये 80 पैसे बकाया होने का नोटिस भेजा गया, जिसमें कहा गया कि राशि जमा नहीं करने पर कुर्की-जब्ती करने की कार्रवाई की जायेगी. नोटिस में लिखा है कि रुपये को डिक्री जारी होने की सूरत में मनकुला जायदाद कुर्क करने का वारंट जारी किया जायेगा. इसके बाद बुंदी प्रसाद की बहू रिंकु देवी सीओ ऑफिस पहुंची और कोर्ट द्वारा किये गये समझौते व जमा की गयी राशि के रसीद व फोटो कॉपी दिखायी. इसके बाद सीओ कार्यालय के लिपिक ने राशि जमा करने के रसीद की फोटोकॉपी ले ली. इसके बाद एसबीआइ, परबलपुर द्वारा बुंदी प्रसाद के नाम बैंक की बकाया राशि 11271 रुपये को वन टाइम सेटलमेंट ऑफर भेजा है, जिसमें कहा गया है कि आपका केस लोक अदालत में पेंडिंग है. आपको सलाह दी जाती है कि आप स्कीम के तहत वन टाइम सेटलमेंट करा लें. बकाया राशि जमा कर देने के बाद भी बैंक द्वारा बार-बार परेशान किये जाने से नाराज बुंदी प्रसाद की बहू रिंकु देवी ने अपना सारा कागजात इकट्ठा कर इस मामले को लेकर डीएम से मिलने और अपनी व्यथा सुनाने की तैयारी कर रही है.