52 बूटी साड़ियां होंगी आकर्षण का केंद्र
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प्रखंड कार्यालयों के पास मिलेंगी हस्त निर्मित साड़ियां
52 बूटी साड़ियां होंगी आकर्षण का केंद्र बुनकरों को नियमित रूप से मिलेगा रोजगार बिहारशरीफ : अब प्रखंड कार्यालयों के पास ही एक से बढ़कर क्वालिटी की साड़ियों व अन्य खूबसूसत कपड़े मिल सकेंगी. वस्त्रों व परिधानों के शौकीनों को आकर्षक वस्त्रों की खरीदारी करने में भी सहूलियत होगी. अपनी पसंद का परिधान आसानी से […]
बुनकरों को नियमित रूप से मिलेगा रोजगार
बिहारशरीफ : अब प्रखंड कार्यालयों के पास ही एक से बढ़कर क्वालिटी की साड़ियों व अन्य खूबसूसत कपड़े मिल सकेंगी. वस्त्रों व परिधानों के शौकीनों को आकर्षक वस्त्रों की खरीदारी करने में भी सहूलियत होगी. अपनी पसंद का परिधान आसानी से स्त्री व पुरुष वर्ग कर सकते हैं. बहुत जल्द ही यह सुविधाएं मिलने की प्रबल आसार हैं. यह व्यवस्था जिला उद्योग विभाग की ओर से की जा रही है. विभाग की योजना है कि आकर्षक वस्त्रों को बढ़ावा देने की.साथ ही लोगों को सहज रूप से वस्त्र उपलब्ध कराने की.
पर्यटक स्थलों पर भी मिलेंगे आकर्षक कपड़े
अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर,नालंदा के साथ -साथ खाजा की नगरी से प्रसिद्ध सिलाव नगरी में भी इसकी व्यवस्था करने की है. इन जगहों पर प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक परिभ्रमण के लिए आते-जाते हैं. विभाग ने इन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय उच्च पथ के पास हाट निर्माण करने का. हाट का निर्माण हो जाने के बाद इन हाटों में जिला हस्तकरघा द्वारा निर्मित वस्त्रों की बिक्री की जाएगी. इन हाटों में स्टॉल लगाये जाएंगे. इन स्टॉलों पर हस्ताकरघा निर्मित वस्त्रों को बिक्री की जाएगी. लोगों को एक से एक किस्म की कपड़ों की परिधान मिलेगी. लोग इन स्टॉलों पर आकर अपनी पसंद की परिधानों की खरीदारी कर सकेंगे.
स्टॉलों की शोभा बढ़ाएंगी 52 बूटी साड़ियां: इन जगहों पर लगने वाले स्टॉलों की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी हस्तकरघा से निर्मित 52 बूटी की साड़ियां. 52 बूटी की साड़ियों के निर्माण करने से बुनकरों की भी हालात भी सुधरेगी. इससे बुनकरों को रोज रोजगार मिल सकेगा. जब मांग अधिक होगी तो साड़ियों के निर्माण भी ज्यादा होंगी. इसके अलावा सतरंगी चादरें भी इन स्टॉलों पर नजर आएंगी. लोग सतरंगी चादर भी खरीद पाएंगी. इसके अलावा अन्य सामग्री की भी बिक्री की जाएगी. राजगीर,नालंदा व सिलाव आने वाले पर्यटक इन खूबसूरत वस्त्रों की खरीदारी सुलभ तरीके से करके अपने घर सौगात के रूप में भी ले जा सकेंगे.
बुनकरों की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
हस्तकरघा से बनी 52 बूटी की साड़ियां व अन्य वस्त्रों की बिक्री होने पर बुनकरों को भी लाभ मिलेगा. वस्त्रों की अधिक डिमांड होने से उत्पादन अधिक होगी. इस तरह इससे बुनकरों की अच्छी खासी कमाई आसानी ढंग से हो जाएगी. उन्हें मार्केट की तलाश अलग से नहीं करनी होगी. उनके द्वारा निर्मित वस्त्रों की खपत इन हाटों के स्टॉलों पर ही जाएगी.इन स्टॉलों पर लगे खूबसूरत वस्त्रें इस रास्ते से गुजरने वाले पर्यटकों को अपनी ओर सहज रूप से आकर्षित कर सकेगी. लिहाजा लोग एक नजर स्टॉल पर आकर अपनी पसंद की वस्त्रों की खरीदारी करने से नहीं चूकेंगे.
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