पड़ताल. ऋतिक राज हत्याकांड में नया मोड़
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पांच दिन बाद फिरौती को ले अपहरण का मामला दर्ज
पड़ताल. ऋतिक राज हत्याकांड में नया मोड़ ऋतिक राज का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था.अपराधियों ने अपहृत के पिता से बीस लाख की फिरौती मांगी थी. इसका खुलासा एकंगरसराय थाना पुलिस ने किया है.घटना के चौथे दिन प्रयुक्त धाराओं को परिवर्तित करते हुए पुलिस ने थाना कांड संख्या 65/16 में अपराधियों के खिलाफ […]
ऋतिक राज का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था.अपराधियों ने अपहृत के पिता से बीस लाख की फिरौती मांगी थी. इसका खुलासा एकंगरसराय थाना पुलिस ने किया है.घटना के चौथे दिन प्रयुक्त धाराओं को परिवर्तित करते हुए पुलिस ने थाना कांड संख्या 65/16 में अपराधियों के खिलाफ तीन महत्वपूर्ण धाराओं का प्रयोग किया है.जिसमें आइपीसी की धारा 364 ए,302 व 201 लगाये गये हैं.एक मई को कांड के वक्त पुलिस द्वारा दर्ज कांड पर आइपीसी की धारा 365 का प्रयोग किया था.
एसडीपीओ के अनुसंधान के बाद धाराओं में किया गया बदलाव
गिरफ्तार दीपू ने अपने बयान में बीस लाख रुपये की फिरौती मांगने की बात स्वीकारी
कांड के मुख्य अभियुक्त आशीष की गिरफ्तारी के प्रयास तेज
चार विशेष टीम कर रही है छापेमारी
बिहारशरीफ : बिहारशरीफ. एकंगरसराय थानाध्यक्ष संजय कुमार ने हिलसा एसडीपीओ द्वारा कांड के अवलोकन के बाद धाराओं में परिवर्तन किया गया है.रिमांड अवधि के दौरान कांड में संलिप्त दीपू ने पुलिस के समक्ष अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि ऋतिक राज का अपहरण सीधे तौर पर फिरौती के लिए ही किया गया था
.फिरौती के एवज में हमारे द्वारा मोबाइल फोन से बीस लाख रुपये की मांग की गयी थी.फिरौती की यह मांग छात्र की हत्या के बाद अपराधियों ने मांगी थी.
पुलिस के आलाधिकारी के बयान में नहीं आयी थी फिरौती की बात
छात्र की हत्या किये जाने के बाद भी पुलिस के आलाधिकारी इस घटना में फिरौती की किसी भी संभावना से इनकार किया था. डीआइजी शालीन से लेकर नालंदा एसपी ने इस मामले की विस्तृत जानकारी विशेष अनुसंधान के बाद होने की बात बतायी थी,हालांकि दबी जुबान से आलाधिकारी फिरौती की संभावना से इनकार नहीं कर रहे थे. विशेष जांच के दौरान अब यह स्पष्ट हो गया है कि छात्र ऋतिक राज का अपहरण फिरौती के लिए ही किया गया था.घटना में संलिप्त तीनों अपराधियों की यह सोच रही थी कि इस वारदात को इजी वे में कर लिया जायेगा.
मृतक के पिता ने पुलिस को कहा,नहीं मांगी गयी थी फिरौती
एकंगरसराय थानाध्यक्ष संजय कुमार ने टेलीफोन पर बताया कि मृतक के पिता फिरौती की किसी भी मांग की बात से इनकार कर रहे हैं.उनके द्वारा अभी तक फिरौती की बात की पुष्टि नहीं की गयी है.कांड में परिवर्तित धारा वारदात में संलिप्त दीपू के बयान के बाद किया गया है.
एकंगरसराय थाना कांड संख्या 65/16 में परिवर्तित धाराओं के मायने
भारतीय समाज को कानूनी रूप से व्यवस्थित रखने के लिए सन 1860 में लार्ड मेकाले की अध्यक्षता में भारतीय दंड संहिता(इंडियन पिनल कोड) बनायी थी.इस संहिता में विभिन्न अपराधों को सूचीबद्ध का उसमें गिरफ्तारी और सजा का उल्लेख किया गया है.इस में कुल मिला कर 511 धाराएं हैं.
परिवर्तित धाराएं एक नजर में
एक मई को अपहृत ऋतिक राज के संबंध में पुलिस ने अपहरण से संबंधित साधारण धारा 365 का प्रयोग किया था.
आइपीसी की धारा 365 मुख्य रूप से कांड में यह बताता है कि अगवा होने वाला शख्स को कोई अपनी बात में फंसा कर बगैर किसी को बताये हुए लेकर चला गया है.ऋतिक राज के मामले में पुलिस शुरुआती दौर में यही समझ रही थी.कांड के पांचवें दिन हिलसा एसडीपीओ के सुपरविजन के बाद एकंगरसराय थाना कांड संख्या 65/16 में तीन महत्वपूर्ण धाराएं जोड़ी गयी.
प्रभात असर
धाराओं के मायने
1.आइपीसी की धारा:364 ए: फिरौती के लिए किसी का अपहरण करना,इस धारा में अपराधियों की मंशा अपहृत के अभिभावक/माता पिता से रुपये की वसूली से संबंध रखता.
2.आइपीसी की धारा 302 में हत्या के दंड का प्रावधान है,जिस मामले में उक्त धारा का प्रयोग किया जाता है,उसमें आरोपितों को मौत तक की सजा दी जाती है
3.धारा :120 आइपीसी में इस धारा का उल्लेख षड्यंत्र रचने से संबंध रखता है.
‘ सभी आरोपितों का स्पीडी ट्रायल कराया जायेगा.पुलिस ने अभी तक के अनुसंधान में दस ऐसे ठोस साक्ष्य जमा कर लिये हैं,जिसके आधार पर सभी आरोपितों को कोर्ट में दोषी सिद्ध किया जा सके.पुलिस ने इस मामले में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा हत्या से संबंधित उपलब्ध कराये गये साक्ष्य,रिमांड अवधी के दौरान आरोपितों के स्वीकारोक्ति बयान
,आधुनिक अनुसंधान से संबंधित साक्ष्य सहित अन्य ठोस साक्ष्य शामिल हैं.इस मामले में फरार मामले का मुख्य आरोपित आशीष रंजन की गिरफ्तारी को लेकर चार विशेष टीम का गठन किया गया है.निकट भविष्य में उसकी गिरफ्तारी हो जायेगी”
राजेश कुमार,पुलिस सुपरिटेंडेंट,नालंदा
एक मई को घटी थी घटना
एक मई को ऋतिक का अपहरण कर लिया गया था.ऋतिक को एक बाइक पर बैठा कर अपराधी जहानाबाद के हुलासंगज थाना क्षेत्र के कोयरी बिगहा गांव के पंचायत भवन के छत पर ले गये थे,जहां उसी दिन उसकी हत्या बर्बरता पूर्वक कर दी गयी थी.छात्र को मारने के बाद दीपू एक मई की संख्या करीब साढ़े पांच बजे घटनास्थल से ही छात्र के व्यवसायी पिता निरंजन प्रसाद से मोबाइल फोन पर अपहरण की सूचना देते हुए फिरौती की मांग की थी.
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