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महिलाओं के लिए जीविकोपार्जन का माध्यम बन रही जीविका

बेन प्रखंड की हजारों महिलाएं समूहों से जुड़ कर ले रही लाभ बेन : प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण स्तर की गरीब महिलाओं का जीविकोपार्जन का माध्यम बन रहा जीविका. ग्रामीण आजीविका मिशन काफी अग्रसर और रोजगार मुहैया कराने वाला लाभप्रद साबित हो रहा है. बेन प्रखंड के हजारों महिलाएं समूहों के माध्यम से […]

बेन प्रखंड की हजारों महिलाएं समूहों से जुड़ कर ले रही लाभ

बेन : प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण स्तर की गरीब महिलाओं का जीविकोपार्जन का माध्यम बन रहा जीविका. ग्रामीण आजीविका मिशन काफी अग्रसर और रोजगार मुहैया कराने वाला लाभप्रद साबित हो रहा है. बेन प्रखंड के हजारों महिलाएं समूहों के माध्यम से जीविका जुड़ कर विभिन्न रोजगार कर रहे हैं.
जीविका के तहत समूह गठन कर जैविक खाद उत्पादन, मुर्गी पालन,मछली पालन व अन्य सरल व्यवसाय उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. इतना ही नहीं बल्कि गांव की समस्याओं के निदान के प्रति जागरूक भी महिलाएं करती है. रोजगार के लिए समूह बना कर बैंकों के माध्यम से सस्ते दर पर ऋण मुहैया करायी जाती है. प्रखंड जीविका कार्यालय के अनुसार पूरे प्रखंड क्षेत्र में 73 समूह के माध्यम से 695 महिलाएं बैंकों से जुड़ कर इसका लाभ ले रही है.
वर्तमान में यह कुक्कुट पालन के तहत समूहों को चूजे उपलब्ध करा रही है. एक दिन की चूजों को 28 दिनों तक मदर यूनिट के ब्रूडर हाउस में रखे जाने के बार समूहों को उपलब्ध कराया जाता है. इस यूनिट में हैचरी से एक दिन के चूजों को लाकर 28 दिनों तक रोग निरोधक टीकों का प्रयोग करते हुए देखभाल किये जाने पर ग्रामीण परिवेश और परिस्थितियों में ढल जाती है.
जिससे मृत्यु दर की संभावना कम जाती है. प्रखंड क्षेत्र के भातु बिगहा और गंगटी में मदर यूनिट है. इस प्रकार समूहों के माध्यम से महिलाएं लगातार अपनी आजीविका के संसाधनों को सफलतापूर्णक बढ़ा रही है. इधर समूह संचालन कर रही महिला सर्विला देवी बताती है कि 14 समूहों के माध्यम से 139 महिलाएं जुड़ कर अपना आजीविका संसाधन बढ़ा रही है.

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