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विद्यालय का खेल का मैदान बना है चरागाह, लोगों में आक्रोश
बिहारशरीफ : सरदार बल्लभ भाई पटेल +2 विद्यालय गंगटी, बेन में भवन तथा शिक्षकों की कमी के कारण इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाधित है. विद्यालय को विभाग द्वारा 2012 में ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए अनुमति प्रदान की गई है. विभागीय आदेश के आलोक में यहां विद्यार्थियों का नामांकन लेने के साथ रजिस्ट्रेशन, फार्म आदि […]
बिहारशरीफ : सरदार बल्लभ भाई पटेल +2 विद्यालय गंगटी, बेन में भवन तथा शिक्षकों की कमी के कारण इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाधित है. विद्यालय को विभाग द्वारा 2012 में ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए अनुमति प्रदान की गई है.
विभागीय आदेश के आलोक में यहां विद्यार्थियों का नामांकन लेने के साथ रजिस्ट्रेशन, फार्म आदि भी भराये जा रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए आज तक विद्यालय को एक भी शिक्षक नहीं मिले हैं.
इससे इंटरमीडिएट में नामांकित विद्यार्थियों की पढ़ाई बिल्कुल ठप है. विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने बताया कि यहां नामांकित विद्यार्थियों की पढ़ाई पूर्ण रूप से टय़ूशन और कोचिंग संस्थानों परही निर्भर हैं. दूसरी ओर इंटरमीडिएट के भवन का निर्माण कार्य अधूरा रहने से भी विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
विद्यालय की छात्र अर्चना कुमारी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों के नहीं रहने से सर्वाधिक परेशानी छात्राओं तथा गरीब विद्यार्थियों को हो रही है. शहर के कोचिंग संस्थाओं में महंगी फीस देकर पढ़ाई करना सभी के बस की बात नहीं है. इससे विद्यार्थियों तथा अभिभावकों परअतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है.
इंटरमीडिएट भवन अधूरा व माध्यमिक भवन पुराना
ठेकेदार द्वारा इंटरमीडिएट भवन का निर्माण कार्य बीच में ही अधूरा छोड़ देने के कारण इसके निर्माण पर ग्रहण लग गया है. इससे विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय का पुराना भवन अत्यंत ही जजर्र हो चुका है. खपरैल के कमरे अब धराशायी होने वाले हैं.
विद्यालय के महज छह कमरों में ही माध्यमिक कक्षाओं के साथ प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कार्यालय आदि संचालित है. विद्यालय का छात्र रंजीत कुमार ने बताया कि विद्यालय में उपस्करों के भारी कमी के कारण भी छात्र-छात्राओं को बैठने में भारी कठिनाई होती है.
खेल का मैदान बना चरागाह
विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण विद्यालय का खेल का मैदान चारागाह में तब्दील हो गया है. मैदान में दिन भर मवेशियों के घूमते रहने के कारण विद्यालय के छात्र-छात्राएं खेल के मैदान में जाने से भी परहेज करते हैं. चहारदीवारी विहीन होने के कारण विद्यालय के संसाधन और उपस्कर भी सुरक्षित नहीं है. यदा-कदा ग्रामीणों द्वारा उपस्करों और चापाकलों को तोड़-फोड़ कर देने से परेशानी और बढ़ जाती है. विद्यालय के अन्य संसाधन भी चहारदीवारी के अभाव में सुरक्षित नहीं है.
विद्यालय में विषय वार शिक्षकों का अभाव:
विद्यालय के माध्यमिक कक्षाओं में भी विषय वार शिक्षकों का अभाव है. यहां वर्तमान में कई प्रमुख विषयों विज्ञान, हिंदी आदि के शिक्षक नहीं है. विद्यालय के छात्र राजू कुमार ने बताया कि इन विषयों के शिक्षक नहीं रहने के कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है और उन्हें अलग से टय़ूशन पढ़ कर अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है.
विद्यालय में मौजूद सुविधाएं
भवन-इंटरमीडिएट भवन अधूरा, माध्यमिक में छह कमरे
बिजली -है
उपस्कर-अपर्याप्त
पेयजल-दो चापाकल
शौचायल-6
खेल का मैदान -है
चहारदीवारी-नहीं है
प्रयोगशाला-है
पुस्तकालय-है
शिक्षक-इंटरमीडिएट में नहीं, माध्यमिक में नौ
विद्यार्थी-इंटरमीडिएट में 39, माध्यमिक में 480 .
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