बुधवार को कई संगठन के कार्यकर्ताओं ने बैठक कर विधायक के बयान की निंदा की. महिला प्रताड़ना संघर्ष समिति की अध्यक्ष अमृता सिंह, डॉ ब्रजेश सिंह, गजपा के दीनबंधु, कुंवर दीपक, कुंदन सिंह,राजीव सिंह ने बैठक कर कहा कि प्रशासन व सरकार ने अभी तक जो निर्णय लिया है, वह सराहरणीय है. एसडीओ पूर्वी ने भी आगे की कार्रवाई के लिए 2 जून तक का समय दिया है.
बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि अगर इस अवधि में बेनीबाद ओपी प्रभारी उमाशंकर मांझी को निलंबित कर उनपर अपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है, पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष अमृता सिंह ने कहा कि विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने शराब माफिया का आरोप लगाया है. उसे साबित करे . महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के माध्यम से सम्मानित नारी के शराब माफिया से संबंध बताने के आरोप में विधायक पर मानहानि मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. इलाके में भी विधायक के बयान को लेकर चर्चा गरम थी. ग्रामीणों का कहना था कि विधायक का कहना है कि शराब माफिया इस घटना को तूल दिया गया और थाना पर हमला किया गया. जब थाना व पुलिस कर्मियों पर हमला हुआ, तो एक भी पुलिस कर्मी जख्मी क्यों नहीं हुए. निर्दोष दुल्हन व उसकी बहन को बेरहमी से पिटाई की गई . एसएसपी ने स्वयं अस्पताल जाकर पूरे मामले की छानबीन कर कार्रवार्इ की है. आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक के केन्द्रीय कमिटी सदस्य अमरेश कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पुलिस द्वारा गैर जिम्मेदराना रवैया अपनाया गया. मुख्य दोषी बेनीबाद ओपी प्रभारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि विधायक ने गैर जिम्मेदराना ब्यान दिया है जो वास्तविकता से परे है.