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एक जून से उर्वरक का आॅनलाइन कारोबार, बंद हो जायेंगी जिले की 752 दुकानें!

मुजफ्फरपुर: समय के साथ उर्वरक कारोबार बहुत कठिन होता जा रहा है. एक जून से इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो रही है. इसके बाद इस कारोबार में हेराफेरी पर करीब-करीब ब्रेक लग जायेगा. भारत सरकार ने उर्वरक कारोबार के लिए पीओएस मशीन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. जिले के लिए 448 मशीन नेशनल फर्टिलाइजर […]

मुजफ्फरपुर: समय के साथ उर्वरक कारोबार बहुत कठिन होता जा रहा है. एक जून से इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो रही है. इसके बाद इस कारोबार में हेराफेरी पर करीब-करीब ब्रेक लग जायेगा. भारत सरकार ने उर्वरक कारोबार के लिए पीओएस मशीन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. जिले के लिए 448 मशीन नेशनल फर्टिलाइजर कंपनी को उपलब्ध करना है.

शुक्रवार तक 112 उर्वरक विक्रेताओं को यह मशीन दी जा चुकी है, जबकि जिले में 1200 से ज्यादा लोगों के नाम से उर्वरक का लाइसेंस है. जिनको यह मशीन नहीं होगी, वो कारोबार नहीं कर पायेंगे. यानी मात्र 37 प्रतिशत दुकानदार ही कारोबार कर सकते हैं. इस प्रक्रिया से निकट भविष्य में जिला उर्वरक के बड़े संकट में फंस सकता है. हजारों किसान परेशान हो सकते हैं.


केंद्रीय कृषि मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार, किसानों को आधार कार्ड नंबर देने व मशीन में अंगूठा पंचिंग करने के बाद ही उर्वरक मिलेगा. खास बात है यह कि उर्वरक लेने के लिए आधार कार्ड के बदले दूसरे किसी प्रमाण पत्र को विकल्प के तौर पर नहीं दिया गया है. इस कारण किसान मुसीबत भी फंस सकते हैं और उनकी खेती बाधित हो सकती है.
जिला स्कूल के पास मिलेगी पीओएस मशीन : नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड की ओर से 11 से 19 मई तक उर्वरक विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया गया. कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके सिंह का दावा है कि करीब नौ सौ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया. इस कंपनी को 448 मशीन की आपूर्ति करनी है. आत्मा सभागार में प्रशिक्षण के दौरान कागजी प्रक्रिया पूरी करनेवाले उर्वरक कारोबारियों को 112 मशीन उपलब्ध करा दी गयी है. शेष दुकानदार जिला स्कूल के पास स्थित कार्यालय से मशीन प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए कृषि विभाग से अनुमति आवश्यक है. शुक्रवार को आत्मा सभागार में मशीन के लिए काफी भीड़ थी.
रेगुलर काम करनेवाले उर्वरक विक्रेताओं को यह मशीन उपलब्ध करायी जा रही है. एफएमएस नंबर सभी कागजों की जांच करने व सेल रजिस्टर का अध्ययन करने के बाद एनओएसी दिया जा रहा है. फिर उन्हें कंपनी की ओर से कारोबार के लिए पीओएस मशीन दी जा रही है. अनियमित कारोबार करनेवाले दुकानदारों को मशीन नहीं दी जा रही है. इस कारण बड़ी संख्या में दुकानें खुद-ब-खुद बंद हो जायेंगी. अवैध कारोबार पर लगाम लग जायेगा.
विकास कुमार, डीएओ, मुजफ्फरपुर

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