समय बीतने पर साक्ष्य मिटने का खतरा
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एफएमटी विभाग में सड़ रहा विसरा
समय बीतने पर साक्ष्य मिटने का खतरा मुजफ्फरपुर : पुलिस की लापरवाही से सौ से ज्यादा मौत के साक्ष्य मिटने के कगार पर है. इससे पीड़ित परिवार इंसाफ से वंचित हो सकते हैं. एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम विभाग में करीब सौ विसरा जांच के इंतजार में खराब हो रहे हैं, जब एसएसपी ने केस के आइओ […]
मुजफ्फरपुर : पुलिस की लापरवाही से सौ से ज्यादा मौत के साक्ष्य मिटने के कगार पर है. इससे पीड़ित परिवार इंसाफ से वंचित हो सकते हैं. एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम विभाग में करीब सौ विसरा जांच के इंतजार में खराब हो रहे हैं, जब एसएसपी ने केस के आइओ काे मामले का निष्पादन नहीं करने पर वेतन पर रोक लगा दी है. तब पुलिस पदाधिकारी एसकेएमसीएच में विसरा जांच कराने के लिए दौर लगा रहे हैं. हर दिन एफएमटी विभाग से विसरा जांच के लिए भेजा जा रहा है.
पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि एसकेएमसीएच की एफएमटी विभाग में एक कमरा दुर्घटना, आत्महत्या, विषाक्त पदार्थ के सेवन से जुड़े मामलों में लिये गये विसरे के कई जार सालों से पड़े हैं. एफएमटी विभाग मानव अंगों से भरे जार का रखवाला बना हुआ है. अब अस्पताल प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए विसरा जार लेने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने की प्रक्रिया अपनायी है. मई में करीब 14 विसरा को पुलिस ने जांच के लिए भेजा है.
पुराने मामले में पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण भी एक अहम मामला है. कुछ ऐसे भी केस के आइओ विभाग में पहुंच रहे हैं, जो हाल में ही केस का चार्ज लिये हैं. केस का पर्यवेक्षण रिपोर्ट विसरा रिपोर्ट के लिए लंबित है. वे विभाग में पहुंच कर विसरा जांच के लिए ले जा रहे है. एक मई को नौ, तीन माई को पांच विसरा जांच के लिए विभाग से केस के आइओ ले गये.
एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम में आये शवों के भी विसरा सुरक्षित रखे जाते हैं जो विभिन्न थानों के होते है. इसमें वैसे केस जिसका पोस्टमार्टम मेडिकल ओपी पुलिस कराती है. बयान व रिपोर्ट संबंधित थाने को भेज देती है. लेकिन विसरा पुलिस जांच नहीं करा पाती है.
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