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आंसुओं से भी नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल

इमरजेंसी में डॉक्टरों से गुहार लगाती रही महिला, किसी ने उसकी नहीं सुनी मुजफ्फरपुर : पेट दर्द से कराह रहे पति को लेकर एसकेएमसीएच आये फुलपरी देवी के आंसुओं से भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा. फुलपरी देवी कभी इमरजेंसी के दरवाजे पर जाकर अपने पति को देखने की गुहार लगाती तो कभी नर्स, सफाई […]

इमरजेंसी में डॉक्टरों से गुहार लगाती रही महिला, किसी ने उसकी नहीं सुनी

मुजफ्फरपुर : पेट दर्द से कराह रहे पति को लेकर एसकेएमसीएच आये फुलपरी देवी के आंसुओं से भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा. फुलपरी देवी कभी इमरजेंसी के दरवाजे पर जाकर अपने पति को देखने की गुहार लगाती तो कभी नर्स, सफाई कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा कर्मचारियों से फरियाद करती. जब कहीं से मदद नहीं मिली, तो इमरजेंसी के बाहर बेहोश पति को लेकर घंटो इस आस में बैठे रही कि शायद कोई डॉक्टर देख लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अंत में फुलपरी देवी अपने पति को किसी प्राइवेट नर्सिंग होग में डॉक्टर से दिखाने के लिए चलने लगी. इस बीच उसने एंबुलेंस की खोज की तो उसे एंबुलेंस भी नहीं मिला
, जिसके बाद उसने अस्पताल परिसर से बाहर निकल एक ऑटो से लेकर आयी, जिसमें अपने पति को लाद कर लेकर चल दी. यह एक फुलपरी देवी के ही हालात नहीं थे, बल्कि हर एसकेएमसीएच में इलाज कराने आये हर मरीज का अमूमन यही हालात देखने को मिल रहे थे.
नये मरीज का डॉक्टर ने चेकअप तक नहीं किया : पूर्वी चंपारण के मधुवन के रहने वाले अतुल कुमार की मां की तबीयत खराब थी. सुबह दस बजे वह अस्पताल पहुंच गया था. लेकिन एक बजे तक किसी डॉक्टर ने चेकअप तक नहीं किया. वह डॉक्टरों से इमरजेंसी में गुहार लगाते रहा पर उसकी सुनने वाला कोई नहीं था. साहेबगंज से आयी राजदुलारी की बूढ़ी मां की तबीयत खराब थी. वह बेहोशी की हालत में एसकेएमसीएच लेकर आयी थी. जब डॉक्टरों ने उसे देखने से इनकार किया तो उसने गुहार भी लगायी. बावजूद उसे कहा गया कि सोमवार को आकर दिखा लेना अभी कुछ नहीं हो सकता है, डॉक्टर नहीं बैठेंगे, इंतजार करना है तो करिए, नहीं तो जा सकते हैं. इसके बाद उसने कहा कि जब डॉक्टर इस तरह का जवाब देंगे तो आम आदमी का मनोबल टूट जायेगा. पति के साथ दिखाने आयी कंचन देवी का जब इलाज नहीं हुआ तो वह निराश होकर इमरजेंसी के पास बैठ गयी. पूछे जाने पर उसने कहा कि हमें पता नहीं था कि डॉक्टरों की हड़ताल है. कई डॉक्टरों समेत स्टाफ कर्मचारियों से मदद मांगी, लेकिन सभी ने अनसुना कर दिया.
सुबह से ही मरीज पहुंच रहे थे अस्पताल : सुबह सात बजे से ही एसकेएमसीएच में मरीज और परिजन पहुंचने लगे थे. रविवार होने को लेकर ओपीडी बंद था और पर्ची नहीं कट पा रही थी. इसके चलते इमरजेंसी में मरीजों का इलाज डॉक्टर करने से इनकार कर देते थे. इस बीच जब परिजन ने जब हंगामा शुरू किया तो उन्हें बताया गया कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए किसी भी नये मरीज को नहीं देखा जायेगा. इधर कई परिजनों ने आरोप लगाया कि उनसे इलाज कराने के लिए परिसर में घूम रहे लोग बाहर से डॉक्टर बुला इलाज करवा देंगे कि बात कह रहे हैं.
इसके एवज में उनसे 500 रुपये मांगे जा रहे हैं.

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