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विजिलेंस छापेमारी के लिए वेंडर ने बुलायी थी बैठक

मुजफ्फरपुर: मिस्कॉट पीएसएस से शराब के साथ पकड़े गये एस्सेल के इंजीनियरों को विजिलेंस छापेमारी की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाया गया था. कंपनी के साथ नया एग्रीमेंट होने के बाद वेंडर अजय पांडेय लगातार एरिया मैनेजर पर शहरी क्षेत्र के इंजीनियरों की एक मीटिंग बुलाने का दवाब दे रहा था. पांडेय की बैठक […]

मुजफ्फरपुर: मिस्कॉट पीएसएस से शराब के साथ पकड़े गये एस्सेल के इंजीनियरों को विजिलेंस छापेमारी की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाया गया था. कंपनी के साथ नया एग्रीमेंट होने के बाद वेंडर अजय पांडेय लगातार एरिया मैनेजर पर शहरी क्षेत्र के इंजीनियरों की एक मीटिंग बुलाने का दवाब दे रहा था. पांडेय की बैठक बुलाने की कोशिश इसलिए थी कि जब वह विजिलेंस छापेमारी के लिए जेई को फोन करता था, तो विवादित व्यक्ति होने के कारण किसी ने उसकी मदद से इनकार कर देता था.
पहले यह मीटिंग सोमवार को होनी थी, लेकिन किसी कारण टल गयी. दोबारा बुधवार को मीटिंग रखी गयी. मीटिंग का जगह अजय पांडेय ने ही तय की थी. मीटिंग के लिए जब इंजीनियर वहां पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि भोजन की भी व्यवस्था की गयी है, लेकिन उनलोगों को यह नहीं पता था कि वहां शराब भी रखी गयी है.

हालांकि, एफआइआर में शराब पार्टी की व्यवस्था करने के लगे आरोप के बाद एस्सेल के बर्खास्त एरिया मैनेजर दिवाकर कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उन्हें खुद समझ में नहीं आ रहा कि यह सब कैसे हुआ? उनके ऊपर जो भी आरोप लगाया गया है, वह गलत है. इस पूरे खेल के पीछे अजय पांडेय एवं उसके सहयोगी कुछ अन्य वेंडर हैं, जो एस्सेल में अभी काम कर रहे हैं. दिवाकर ने कहा कि मीटिंग शुरू होने के दस मिनट बाद ही बेला पीएसएस में हंगामा की खबर पर वहां चले गये थे. बेला में माहौल शांत भी नहीं हुआ था कि पीएसएस से फोन गया कि बिजली को लेकर हंगामा करने पहुंची पब्लिक के साथ पुलिस आयी थी, जो चारों इंजीनियर को गिरफ्तार कर ले गयी है. उसने पुलिस से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

शराब पार्टी में शामिल एरिया मैनेजर समेत पांच इंजीनियरों को बर्खास्त करने के बाद एस्सेल के कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है. इंजीनियरों का कहना है कि साजिश के तहत उनलाेगों को फंसाया गया. कंपनी इसकी जांच नहीं करायी, लेकिन बिना स्पष्टीकरण किये सीधे बर्खास्त कर दी है. क्या यह उचित है? एस्सेल के एक बड़े अधिकारी ने इंजीनियरों के पक्ष में नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि जब अजय पांडेय पिछले छह माह से एस्सेल के खिलाफ गतिविधि में शामिल था, वेंडर के आंदोलन के दौरान उसने ऑफिस में तालाबंदी करने के साथ जीएम कॉरपोरेट आशीष राजदान के साथ दुर्व्यवहार किया था, शहर के तमाम संगठनों को एकजुट कर आंदोलन का बिगुल फूंका था, फिर एस्सेल ने उसे कैसे विजिलेंस छापेमारी का ठेका दे दिया? कंपनी में कौन ऐसे अधिकारी है, जो अजय पांडेय को संरक्षण देने का काम किया? उसे भी चिह्नित कर उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
पूरे प्रकरण में कंपनी की जिस तरह से बदनामी हुई है, इसके बाद एस्सेल कंपनी ने अपने सभी वरीय अधिकारी व कर्मचारी को अलर्ट कर दिया है. शुक्रवार को ऑफिस में जहां साथी कर्मियों की बरखास्तगी पर रोष दिखा, वहीं सीनियर अधिकारी अपने जूनियर को यह कहते दिखे कि आप सभी सिर्फ काम से मतलब रखिये. काम के अलावा किसी से कोई संबंध नहीं बनाएं. अधिकारियों का इशारा कंपनी के साथ काम करने वाले वेंडरों की ओर था. कंपनी ने अपने कर्मियों का कहा कि वे लोग वेंडर से कोई सांठ-गांठ नहीं रखें. उनसे काम के अलावा कोई दूसरी बात नहीं करें.

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