मुजफ्फरपुर : गरमी के दिनों में अगलगी की घटनाओं में इजाफा होता है, खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में. इसे देखते हुए प्रशासन ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है. जल्दी ही प्रशासन की एक टीम ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित निजी नलकूपों के मालिकों पास जायेगी व आपात स्थिति में अग्निशाम वाहनों के टैंकर में पानी भरने के लिए उनसे सहमति प्राप्त करेगी. डीएम धर्मेंद्र सिंह ने अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन सुशांत कुमार को इसके लिए निर्देश जारी किया है.
शहरी क्षेत्र में अग्निशाम के वाहनों के फायर टैंक में पानी भरने के लिए मिठनपुरा पानी टंकी के समीप, सिकंदरपुर व पीआइआर के पास के पीएचइडी विभाग के वाटर पंप का प्रयोग किया जाता है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए निजी नलकूपों पर ही निर्भरता रहती है. अगलगी की सूचना मिलने के बाद फायर टैंक में पानी भरने के लिए नलकूपों की तलाश न करनी पड़े, इसके लिए पूर्व से निजी नलकूपों को चिह्नित करने का फैसला लिया गया है.
डीएम ने जिला अग्निशाम पदाधिकारी की डिमांड पर अग्निशाम वाहनों के फायर टैंकर में आवश्यक जलापूर्ति के लिए जिला अग्निशाम कार्यालय
परिसर में हाइड्रेंट पंप लगवाने का फैसला लिया है. इसके लिए अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन को प्रस्ताव तैयार करवा कर विभाग को भेजने को कहा है.
वाहनों के नये पड़ाव स्थल होंगे चिह्नित : अगलगी की घटना में दूसरी समस्या समय पर अग्निशाम वाहनों के घटनास्थल पर पहुंचने की रहती है. कई बार देरी के कारण जान-माल का अधिक नुकसान हो जाता है.
इसे देखते हुए डीएम ने दोनों एसडीओ, सभी पुलिस उपाधीक्षकों व जिला अग्निशाम पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे पूरे जिले के भौगोलिक संरचना एवं यातायात व्यवस्था के अनुरूप बड़ी अग्निशाम वाहनों के लिए पड़ाव स्थल चिह्नित कर उसे वहां रखने का प्रस्ताव देने को कहा है.
उन स्थलों पर जरूरी आधारभूत संरचनाओं एवं अन्य आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इसी कड़ी में जिला अग्निशाम पदाधिकारी ने तीन नये फायर सेफ्टी स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भी दिया है. फिलहाल जिले में मुजफ्फरपुर सेक्शन में चार बड़ी गाड़ी, मोतीपुर सेक्शन में दो बड़ी गाड़ी व आठ अलग-अलग थानों में छोटी मिस्ट गाड़ियां उपलब्ध है.