इसमें निबंधन महानिरीक्षक आदित्य कुमार दास ने बैंक से पूर्व की तरह ही चालान जमा करने को कहा. हालांकि, निबंधन आइजी ने जीएम से कहा कि अबतक स्टांप, निबंधन एवं भूस्वामी शुल्क जो अलग-अलग अकाउंट में जमा होता है, उसे बैंक एक अकाउंट में जमा कर सकता है. सरकार का पत्र आने के बाद जिला अवर निबंधक निलेश कुमार ने बैंक पहुंच मैनेजर से इस मुद्दे पर बातचीत की. देर शाम सहमति बनने के बाद पहले की तरह चालान से ही निबंधन, स्टांप एवं भूस्वामी शुल्क जमा करने का निर्णय लिया गया.
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पहले की तरह जमा होंगे रजिस्ट्री के चालान
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद आरबीआइ के गाइडलाइन का हवाला देकर जमीन व मकान रजिस्ट्री की चालान जमा करने में एसबीआइ ने जो अड़ंगा लगाया था, उसका समाधान गुरुवार को हो गया. दो दिनों से बंद रजिस्ट्री से हुए राजस्व नुकसान के बाद राज्य सरकार आनन-फानन में एसबीआइ के जीएम को पत्र जारी किया. इसमें निबंधन […]
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद आरबीआइ के गाइडलाइन का हवाला देकर जमीन व मकान रजिस्ट्री की चालान जमा करने में एसबीआइ ने जो अड़ंगा लगाया था, उसका समाधान गुरुवार को हो गया. दो दिनों से बंद रजिस्ट्री से हुए राजस्व नुकसान के बाद राज्य सरकार आनन-फानन में एसबीआइ के जीएम को पत्र जारी किया.
हालांकि, दस्तावेजों की कंप्यूटर में इंट्री के लिए जमा होने वाली राशि के चालान जमा करने पर अभी भी संशय है. पहले पांच कॉपी में जमा होने वाले चालान में ही तीन कॉपी में कंप्यूटर इंट्री शुल्क की राशि भी जमा होती थी.
सकरा, पारू व कटरा मुफसिल ऑफिस में हुई रजिस्ट्री
एसबीआइ के अड़ंगा के बाद जिला अवर निबंधक एवं मोतीपुर मुफसिल ऑफिस में दो दिनों में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई. हालांकि, सकरा, पारू व कटरा मुफसिल ऑफिस में दोनों दिन रजिस्ट्री हुई है. क्योंकि इन दोनों ऑफिस के आसपास पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया एवं यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया है. इन तीनों बैंक पूर्व की भांति ही रजिस्ट्री का चालान जमा कर रहा है. निबंधन विभाग ने एसबीआइ से इसकी भी शिकायत की कि जब आरबीआइ का गाइडलाइन है, तब सभी बैंक इस पर आपत्ति करती. सिर्फ एसबीआइ ही क्यों चालान जमा करने में अड़ंगा लगा रही है.
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