सरकारी स्कूल. शैक्षिक सत्र सुधारने की पहल
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विषयवार होगी ग्रेडिंग सुधार के भी होंगे उपाय
सरकारी स्कूल. शैक्षिक सत्र सुधारने की पहल सरकारी स्कूलों के बच्चों का मूल्यांकन अब विषयवार होगा. अलग-अलग विषयों में कमजोर बच्चों को चिह्नित कर एक्स्ट्रा क्लास चलेगी. मुजफ्फरपुर : सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने व बच्चों का शैक्षिक स्तर कक्षा के अनुसार निर्धारित करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद लगातार प्रयास कर रहा […]
सरकारी स्कूलों के बच्चों का मूल्यांकन अब विषयवार होगा. अलग-अलग विषयों में कमजोर बच्चों को चिह्नित कर एक्स्ट्रा क्लास चलेगी.
मुजफ्फरपुर : सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने व बच्चों का शैक्षिक स्तर कक्षा के अनुसार निर्धारित करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद लगातार प्रयास कर रहा है. हर महीने बच्चों का मूल्यांकन कर उनके स्तर की जांच की जा रही है. सभी विषयों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर सभी विषयों में अलग-अलग कमजोर बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है.
प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पिछले महीने हुए अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन की अब विषयवार ग्रेडिंग हो रही है. इससे विभाग यह आसानी से पता कर सकेगा कि कौन छात्र किस विषय में कमजोर है. इसके बाद उसके शैक्षिक स्तर सुधारने में आसानी होगी. बीइपी ने निर्देश दिया है कि कमजोर बच्चों को चिह्नित कर कक्षा खत्म होने के बाद एक घंटे की विशेष क्लास चलायी जानी है.
बीइपी ने भेजा नया फॉरमेट
कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन पिछले महीने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने कराया था. पहले सभी विषयों को मिलाकर ग्रेडिंग की जानी थी. प्रखंडों से मिली रिपोर्ट के आधार पर जिलास्तर पर इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी. इस बीच मुख्यालय से रिपोर्ट तैयार करने के लिए नया फॉरमेट भेज दिया गया है. विभाग का कहना है कि नये फॉरमेट के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी प्रखंडों से फिर जानकारी मांगी गयी है. अब नये फॉरमेट में ओवरऑल ग्रेडिंग के साथ ही विषयवार ग्रेडिंग की रिपोर्ट भी देनी है.
मूल्यांकन रिपोर्ट का फॉरमेट बदला
बन रही पांच ग्रेडिंग
परिषद ने मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को पांच ग्रेड में बांटा है. काॅपियों की जांच के बाद मिले अंक के आधार पर ए, बी, सी, डी व इ ग्रेड निर्धारित किया गया है. विभाग का कहना है कि नीचे से दो ग्रेड के बच्चों का शैक्षिक स्तर तय मानक के अनुसार बनाने के लिए अतिरिक्त क्लास चलानी है. सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि कमजोर बच्चों के शैक्षिक संवर्द्धन के लिए अतिरिक्त क्लास चलाएं.
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