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रि-कंस्ट्रक्शन से जाना, कैसे हुआ होगा नवरुणा का अपहरण

मुजफ्फरपुर : नवरुणा कांड की जांच कर रही सीबीआइ मंगलवार को फिर शहर पहुंची. इस दौरान सीबीआइ के सदस्य चार घंटे तक नवरुणा के घर पर रहे. घटना के दिन क्या हुआ होगा, इसका रि-कंस्ट्रक्शन किया और एक-एक पहलू की जांच की. इस दौरान पुलिस अधिकारियों का ये कहना कि सरिया मुड़ी खिड़की से कोई […]

मुजफ्फरपुर : नवरुणा कांड की जांच कर रही सीबीआइ मंगलवार को फिर शहर पहुंची. इस दौरान सीबीआइ के सदस्य चार घंटे तक नवरुणा के घर पर रहे. घटना के दिन क्या हुआ होगा, इसका रि-कंस्ट्रक्शन किया और एक-एक पहलू की जांच की. इस दौरान पुलिस अधिकारियों का ये कहना कि सरिया मुड़ी खिड़की से कोई अंदर-बाहर नहीं आ-जा सकता, वो बात खारिज हो गयी, क्योंकि जांच अधिकारी खुद अंदर गये और आसानी से बाहर निकल आये.
टीम ने नवरुणा के घर के पास हर चीज को खंगाला और उसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की और इसके बाद वापस गयी.सीबीआइ टीम के साथ सीएसएफएल के वैज्ञानिकों ने अपहरण कांड में इस्तेमाल संभावित अपराध शैली का रिहर्सल किया. टीम के सदस्यों ने कंकाल के बरामदगी की भी गहन छानबीन की. जिस नाले से कंकाल बरामद हुआ था, उसका भी वैज्ञानिक तरीके से निरीक्षण किया. सीबीआइ नवरुणा के घर सहित आसपास के इलाके की तस्वीर को कैमरे में कैद कर अपने साथ ले गयी है. सुप्रीम कोर्ट की डेट लाइन के बाद नवरुणा कांड की जांच में जुटी सीबीआइ लगातार इसकी गुत्थी सुलझाने में लगी है. न्यायालय ने 31 अक्तूबर तक जांच पूरा करने का निर्देश सीबीआइ को दे रखा है.
मामले से जुड़े लोगों का नार्को व ब्रेन मैंिपग टेस्ट के बाद मंगलवार को सीबीआइ जवाहरलाल स्थित नवरुणा के घर पहुंच अपहरण के दौरान अपनाये गये अपराध शैली का रिहर्सल किया. सीबीआइ टीम में नौ सदस्य थे. इसमें अनुसंधानक रौनक कुमार, एसआइ अरविंदम चकवर्ती, अखिलेश सिंह, इंद्रश यादव के साथ सीएसएफएल के चार विशेषज्ञ डॉ बीके महापात्र (एसएसओ-1 व एचओडी, जीवविज्ञान), डॉ एसके चौधरी (एसएसओ, भौतिकी शा), दीपक कुमार तनवर (एसएसओ-1 व एचओडी, भौतिकी शा), राकेश कुमार विष्ट (एसएसओ-1 व फोटो), जांच व पुनर्रचना में शामिल थे. सुबह 11 बजे नवरुणा के घर पहुंची सीबीआइ टीम ने दोपहर तीन बजे तक वहां विभिन्न पहलुओं की जांच की.
बारीकी से की जांच
सीएफएसएल टीम नवरुणा के अपहरण की रात 18 सितंबर 2012 को अपराधियों ने कैसे घटना को अंजाम दिया होगा. इसके बारे में जांच अधिकारी रौनक कुमार व नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती से जानकारी ली. वैज्ञानिकों की टीम ने सीबीआइ के अनुसंधान के दौरान तैयार की गयी रिपोर्ट व उस समय से वीडियो को भी देखा. इसके बाद नवरुणा के कमरे, मकान के पहली मंजिल के कमरों, दोनों प्रवेश व निकास द्वार, घर के पिछवाड़े और घर के उत्तर की ओर पिछवाड़े की खाली जमीन के साथ उससे लगे रास्तों को भी देखा.
नवरुणा के अपहरण के लिए अपराधियों द्वारा उसके कमरे की खिड़की की तीन रॉड काट कर कमरे में प्रवेश करने की बात सामने आयी थी. सीएसएफएल टीम के सदस्यों की मांग पर अनुसंधानक रौनक कुमार ने एक राजमिी बुलाया, जिसकी मदद से खिड़की के वही तीन रॉड काट कर उसी एंगल में मोड़ा गया, जैसे घटना के समय मोड़े गये थे. रॉड मोड़ने के बाद उन्होंने सीबीआइ के एसआइ अरविंदम चकवर्ती को खिड़की के रास्ते कमरे में प्रवेश करने का निर्देश दिया. वे आसानी से कमरे में चले गये.
इसके बाद चारों वैज्ञानिक अतुल्य चक्रवर्ती के घर के उत्तर दिशा स्थित पिछवाड़े में पहुंच गये. वहां अनुसंधानक रौनक कुमार और अतुल्य चक्रवर्ती को बुलवाया. अतुल्य चक्रवर्ती ने नवरुणा को अगवा कर फरार होने के क्रम में अपराधियों द्वारा उनके घर व बगल के होटल के बीच बनी गली के रास्ते का सहारा लेने की आशंका जतायी थी. इसके बाद जांच टीम उत्तर-पश्चिम स्थित गली में जाने के लिए वहां खड़े किये गये एस्बेस्टस को हटवाया और उस गली में जाकर जांच की. इस दौरान टीम ने खिड़की, गली, पिछवाड़ा, होटल, नवरुणा के घर जानेवाले रास्ते की माप व फोटो ली. चार घंटे तक जांच व निरीक्षण के बाद अपराह्न् तीन बजे सीबीआइ टीम वहां से निकल गयी. पूछे जाने पर रौनक कुमार ने कहा कि 31 अक्तूबर तक सबकुछ सामने आ जायेगा.

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