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फरीदाबाद के स्कूल में शहर के छात्र को पीटा
मुजफ्फरपुर : नगर थाना क्षेत्र के बालूघाट के एक छात्र की हरियाणा में हत्या का प्रयास किया गया. छात्र फरीदाबाद के गोल्ड फिल्ड पब्लिक स्कूल में दसवीं का छात्र है. स्कूल में ही सहपाठियों ने पहले गाली-गलौज की, फिर जमकर मारपीट की. मामले में पीड़ित छात्र के पिता बालूघाट निवासी सतीश श्रीवास्तव ने फरीदबाद में […]
मुजफ्फरपुर : नगर थाना क्षेत्र के बालूघाट के एक छात्र की हरियाणा में हत्या का प्रयास किया गया. छात्र फरीदाबाद के गोल्ड फिल्ड पब्लिक स्कूल में दसवीं का छात्र है. स्कूल में ही सहपाठियों ने पहले गाली-गलौज की, फिर जमकर मारपीट की. मामले में पीड़ित छात्र के पिता बालूघाट निवासी सतीश श्रीवास्तव ने फरीदबाद में प्राथमिकी करायी है. इसमें पांच छात्रों को आरोपित किया है. छात्र के पिता ने डीजीपी, एडीजीपी व आयुक्त से न्याय की गुहार लगायी है. घटना सात अक्तूबर की है.
छात्र के पिता ने बताया कि भरी कक्षा में अंगरेजी शिक्षिका के सामने यह वारदात हुई. लेकिन, शिक्षिका ने पुत्र को बचाने का प्रयास तक नहीं किया. सहपाठियों ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि उसके मुंह से झाग निकलने लगा. वह कक्षा में ही बेहोश हो गया. आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन ने चोरी-चुपके अस्पताल में इलाज करवा कर उसे घर पहुंचा दिया. स्कूल प्रबंधन ने मामले का दबाने के मकसद से अभिभावक को इसकी भनक नहीं लगने दी.
छात्र के पिता सतीश श्रीवास्तव ने बताया कि वह नगर थाने के बालूघाट राजनारायण सिंह कॉलेज के पास के रहते हैं. उनका बेटा व बेटी हरियाणा में रहकर पढ़ाई करते हैं. वे मां की तबीयत खराब होने पर घर आये हुए थे. इसी दौरान यह वारदात हुई.
उन्होंने बताया कि उनका बेटा रोज की भांति स्कूल गया था. क्लास रूम में अंगरेजी की शिक्षिका ने पुत्र से सवाल किये. इसने सभी सवालों का जवाब दे दिया. यह बात कक्षा में बैठे स्थानीय छात्रों को नागवार गुजरी. छात्रों ने शिक्षिका से कहा कि यह डिक्शनरी से देख बता रहा है.
शिक्षिका बोली, तो तुमने क्यों नहीं बताया. इसी बात पर स्थानीय छात्र उत्तेजित हो गये. शिक्षिका के सामने ही उसके साथ गाली-गलौज की. बिहारी कहकर अपमानित किया. इतने से भी नहीं माने. बेंच से गरदन दबा दिया. उसके बाद उसकी जमकर पिटाई की गयी. इतना मारा कि वह बेहोश गया. फिर दूसरे बच्चे ने स्कूल के प्राचार्य को पूरी जानकारी दी. प्राचार्य ने आनन-फानन में एंबुलेंस से अस्पताल भेज दिया. सुधार होने से उसे घर पहुंचवा दिया. बच्चे की स्थिति अब भी ठीक नहीं है.
स्कूल प्रबंधन ने नहीं दी सूचना
सतीश श्रीवास्तव बताते हैं कि स्कूल प्रबंधन ने इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी सूचना नहीं दी. जबकि स्कूल की फीस के लिए दिन भर में पांच से छह बार फोन कर तंग किया जाता है. एक से दो दिन देरी होने पर फाइन कर दिया जाता है. प्राथमिकी कराने के बाद डीजीपी, एडीजीपी व आयुक्त से न्याय की मांग की गयी है. उन्होंने इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
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