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वैशाली के लोग तीन घंटे तक घेरे रहे डीआइजी ऑिफस

युवक की हत्या के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोश मुजफ्फरपुर : वैशाली जिले के सराय थाना के प्रबोधी नरेंद्र गांव की दर्जनों महिला व ग्रामीणों ने डीआइजी असगर इमाम के कार्यालय पर हंगामा किया. ये लोग मुन्ना कुमार नामक युवक के हत्यारोपी मुखिया प्रत्याशी रामएकबाल राय सहित अन्य की गिरफ्तारी नहीं […]

युवक की हत्या के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोश

मुजफ्फरपुर : वैशाली जिले के सराय थाना के प्रबोधी नरेंद्र गांव की दर्जनों महिला व ग्रामीणों ने डीआइजी असगर इमाम के कार्यालय पर हंगामा किया. ये लोग मुन्ना कुमार नामक युवक के हत्यारोपी मुखिया प्रत्याशी रामएकबाल राय सहित अन्य की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित थे और डीआइजी पर आरोप लगा रहे थे. मामले की जांच में डीएसपी व एसपी ने आरोपितों को गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया था, लेकिन डीआइजी ने मामले में 15 बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.
लगा रहे थे आरोप . प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि डीआइजी के निर्देश के बाद आरोपितों ने पीडि़त परिवार पर केस में सुलह करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया और धमकी देने लगे. इसको लेकर पीडि़त पक्ष ने जब डीआइजी से मिलने की कोशिश की, तो उनका आरोप है कि डीआइजी ने उन्हें समय नहीं दिया. इसी से गुस्सा होकर गुरुवार को ग्रामीणों ने डीआइजी कार्यालय पर लगभग तीन घंटे तक हंगामा किया. इस दौरान ये लोग डीआइजी पर आरोप लगा रहे थे.
18 मई को हुई थी मुन्ना की हत्या
केशव प्रसाद सिंह के बेटे मुन्ना कुमार की हत्या 18 मई को कर दी गयी थी. मामले को लेकर सराय थाने में प्राथमिकी दर्ज है, जिसमें रामएकबाल राय सहित सात लोगों को आरोपित किया गया है. प्राथमिकी में कहा गया है कि चुनावी रंजिश की वजह से रामएकबाल के इशारे पर उनके बेटे की हत्या की गयी है. मामले में एक आरोपित को हत्या के दिन ही गिरफ्तार कर आर्म्स एक्ट में जेल भेजा गया था.
मामले की समीक्षा में डीएसपी ने केस को सत्य मानते हुए सभी अभियुक्तों के गिरफ्तारी का आदेश दिया था. गिरफ्तारी के आदेश जारी होने के बाद से रामएकबाल राय सहित अन्य हत्यारोपी कांड के वादी केशव व अन्य ग्रामीणों पर केस सुलह करने के लिए दबाव देने लगे. साथ ही केस सुलह नहीं करने पर मुन्ना की तरह ही हत्या की धमकी भी देने लगे. रामएकबाल राय ने भी डीआइजी असगर इमाम को अवेदन देकर मामले की फिर से जांच की मांग की थी. डीआइजी ने आवेदन के आधार पर 15 बिंदुओं पर फिर से जांच को कहा था, जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
इधर, जब इस मामले की जानकारी गांव के लोगों को हुई, तो उन्होंने डीआइजी से मिलने की कोशिश की. कई बार मुजफ्फरपुर आये, लेकिन डीआइजी की ओर से मिलने का समय नहीं दिया गया. इन लोगों का आरोप है कि डीआइजी को दस आवेदन दिये गये, उस पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी. इससे आक्रोशित लगभग एक सौ लोग गुरुवार को डीआइजी कार्यालय पहुंचे. पहले इन लोगों ने डीआइजी से मुलाकात की और जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो हंगामा करने लगे. हाथों में तख्ती लिये ये लोग डीआइजी कार्यालय के गेट पर बैठ गये.
तीन बार की कोशिश…कार्यालय से नहीं निकल सके डीआइजी
डीआइजी कार्यालय कक्ष से निकलीं महिलाएं व ग्रामीण तीन घंटे तक उनके कार्यालय परिसर में जमे रहे. प्रदर्शन कर रही महिलाएं कई बार परिसर छोड़ सड़क पर आ जाती थीं, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चलता था कि डीआइजी आवास के लिए निकलने वाले हंै, उनके कार्यालय के गेट पर पहुंच नारेबाजी शुरू कर देतीं थी. दोपहर करीब एक बजे डीआइजी असगर इमाम की गाड़ी उनके कार्यालय के गेट के पास लगी. सुरक्षाकर्मी एलर्ट हुए. प्रदर्शनकारियों को लगा कि डीआइजी को आवास ले जाने के की तैयारी हो रही है और वे फिर उनके गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गयीं. सुरक्षाकर्मियों ने कार्यालय के अंदर बैठे डीआइजी को इसकी सूचना दे दी. ऐसा तीन बार हुआ.
चुनावी रंजिश में हत्या पीिड़त पक्ष ने सात लोगों को किया था आरोपित
राजद के जिला उपाध्यक्ष मुख्य आरोपित
डीएसपी व एसपी ने दिया था गिरफ्तारी का आदेश
डीआइजी ने 15 बिंदुओं पर जांच को कहा
डीआइजी के निर्देश के बाद नहीं हुई गिरफ्तारी
अब आरोपित बना रहे हैं सुलह का दबाव
डीआइजी पर पीडि़तों की बात नहीं सुनने का आरोप
इन बिंदुओं पर जांच को कहा
मुन्ना के आम के बगीचे की रखवारी कब से कर रहा था.
घटनास्थल से मतदान केंद्र की दूरी कितनी है.
हमलावर जब आम के बगीचे में मुन्ना को पकड़ लिये, तो वहीं गोली मार सकते थे, तो क्यों बाहर खींच कर लाये?
मुन्ना की हत्या से किसको चुनावी लाभ मिलता?
चुनाव के दिन अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार हत्याकांड के अभियुक्त विश्वजीत का रामएकबाल राय से संबंध है कि नहीं?
बरामद हथियार की जांच कर यह पता करें कि उससे फायरिंग हुई थी या नहीं?
रामएकबाल राय की ओर से पूर्व में भी मुन्ना को धमकी देने की बात कहीं गयी है. धमकी देने की कोई शिकायत दर्ज है या नहीं?
सर…आपने पक्षपात किया है?
मुन्ना की हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे इन लोगों ने डीआइजी पर पक्षपात का आरोप लगाया. मुन्ना की मां अहिल्या देवी व ग्रामीण मंजू देवी ने कहा कि डीआइजी की टिप्पणी और जांच का निर्देश आरोपितों को बचाने के लिए है. मंजू देवी ने कहा, सर…अगर आप हत्यारोपियों से प्रभावित नहीं होते, तो इस तरह के जांच के आदेश नहीं देते. मंजू देवी की बात सुनते ही डीआइजी का चेहरा सख्त हो गया. स्थिति को भांप सामाजिक कार्यकर्ता अमोद प्रबोधी और बिट्टू कुमार ने कहा कि सर… इसमें इन महिलाओं का दोष नहीं है. ऐसा यह इसलिए बोल रहीं हैं, क्योंकि आरोपित व उनके समर्थक ऐसा प्रचार गांव में कर रहे हैं.
भरोसा नहीं है, तो जाओ कोर्ट
महिलाओं के आरोप से गुस्सा डीआइजी असगर इमाम ने उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दी. डीआइजी ने कहा कि अगर मुझपर भरोसा नहीं है, तो यहां क्यों आये…. हमसे भी ऊपर कई अधिकारी हैं. इसके बाद भी अगर बात नहीं बनती है, तो कोर्ट के दरवाजे खुले हैं, कोर्ट में जाओ. वहां न्याय की गुहार लगाओ?
आइजी ने दिया आश्वासन
डीआइजी कार्यालय पहुंचे गांव के लोग आइजी सुनील कुमार से भी मिले. इन लोगों ने आइजी को आवेदन दिया. ग्रामीणों ने उनसे इस मामले में न्याय की मांग की. आइजी के आश्वासन मिलने के बाद ही ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं मिला, तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.

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