शहर के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए काफी अहम है योजना
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मरीन ड्राइव की तीन डिसमिल जमीन का नहीं सुलझा विवाद
शहर के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए काफी अहम है योजना मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर-लक्ष्मीचौक मरीन ड्राइव की अधूरी सौ मीटर सड़क का निर्माण हाल-फिलहाल होता नहीं दिख रहा है. जिला योजना पदाधिकारी की तीन डिसमिल जमीन को लेकर जारी विवाद सुलझाने का तमाम प्रयास विफल हो गया है. ऐसे में अब मामला एक बार फिर टाइटल […]
मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर-लक्ष्मीचौक मरीन ड्राइव की अधूरी सौ मीटर सड़क का निर्माण हाल-फिलहाल होता नहीं दिख रहा है. जिला योजना पदाधिकारी की तीन डिसमिल जमीन को लेकर जारी विवाद सुलझाने का तमाम प्रयास विफल हो गया है. ऐसे में अब मामला एक बार फिर टाइटल शूट के लिए कोर्ट में जा सकता है.
विवादित जमीन ब्रह्मपुरा निवासी लक्ष्मण साह की है, जिस पर मकान भी बना हुआ है. श्री साह पूर्व में जमीन के बदले में प्रशासन से मुआवजा भी ले चुके हैं. लेकिन बाद में वे जमीन देने से मुकर गये. उनका आरोप है कि सड़क के लिए जमीन उपलब्ध होने के बावजूद प्रशासन जानबूझ कर उनकी जमीन लेना चाहता है. वर्ष 2012 में मामला हाइकोर्ट भी पहुंचा था. लेकिन तब न्यायाधीश ने डीएम स्तर से ही विवाद सुलझाने का निर्देश दिया था.
बीते माह डुडा से संबंधित योजनाओं की समीक्षा के दौरान डीएम धर्मेंद्र सिंह ने जिला योजना पदाधिकारी संजय कुमार गंगवाल को तीन दिनों में विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी दी थी. श्री गंगवाल ने बताया कि विवाद जमीन पर सड़क की दूसरी ओर रह रहे लोग जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन एक व्यक्ति मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में मामला कोर्ट में ले जाना पड़ सकता है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला डीएम लेंगे. शहर के दो भाग को जोड़ने वाली इस सड़क के निर्माण से बैरिया बस स्टैंड से शहर आने वाले लोगों को भी इसके निर्माण के बाद कम दूरी तय करनी होगी.
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