मुजफ्फरपुर: रसूखदार कैदी बीमारी के नाम पर अस्पताल में भरती होकर मौज फरमा रहे हैं. होटलों का खाना और पान का मजा लेने के साथ ही अस्पताल के अंदर दरबार लगाना इनके लिए बड़ी बात नहीं हैं. अगर इन कैदियों को बाहर घूमने का मन करे, तो जब चाहे बाहर घूम कर आ जाते हैं. इन सभी जरूरतों को पूरी करने के लिए कैदियों को बस थोड़ी सी रकम खर्च करनी पड़ती है. ऐसा ही कुछ हाल एसकेएमसीएच के कैदी वार्ड में भरती रसूखदार कैदियों का दिखा.
वार्ड में भरती सभी कैदी सजायाप्ता और नक्सली हैं. बावजूद इसके, सुरक्षा व्यवस्था लचर बनी है. इन कैदियों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. कैदी वार्ड में सजायाप्ता बंदी भागवत राय, ललन त्रिपाठी, नक्सली सोनी देवी समेत 15 कैदी है. इनकी सुरक्षा के लिए वार्ड में पांच सिपाही कामेश्वर प्रसाद, अखिलेश सिंह, राजेंद्र पासवान, मदन कुमार और एक वार्ड इंचार्ज मो करीम है. हालांकि मो करीम वार्ड में कम ही दिखाई देते हैं.
उनके लिए जेल के वो कानून बौने हो गये हैं जो आम बंदियों के लिये पहाड़ साबित होते हैं. विभिन्न आपराधिक घटनाओं के आरोपित करीब एक दर्जन से अधिक रसूखदार कैदी अस्पताल में भरती हैं. कैदी अस्पताल के वार्ड से ही वे व्यापार भी कर रहे हैं. सजायाफ्ता रसूखदार बाहुबली जेल की सलाखों के पीछे होने की बजाय बीमारी के नाम पर महीनों से अस्पताल में पुलिस अभिरक्षा में रहकर ही अपना नेटवर्क संचालित कर रहे हैं.
बताया जाता है कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 20 से 50 या कभी-कभी इससे अधिक लोग से इनसे मिलने आते हैं. अस्पताल के जिस वार्ड में भर्ती हैं, उस में लग्जरी बेड के अलावा दरबार के लिए कुर्सियां व जरूरत की सभी वस्तुएं उपलब्ध हैं.