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विवि के सवा तीन लाख छात्राें के भविष्य के साथ खिलवाड़ नीरज मिश्र मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि करीब सवा तीन लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. यह खेल पिछले कई सालों से चला रहा है, लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका है. कभी समय से डिग्रीनहीं मिलने का मलाल, […]
विवि के सवा तीन लाख छात्राें के भविष्य के साथ खिलवाड़
नीरज मिश्र
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि करीब सवा तीन लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. यह खेल पिछले कई सालों से चला रहा है, लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका है. कभी समय से डिग्रीनहीं मिलने का मलाल, ताे कभी रिजल्ट पेंडिंग की वजह से दूसरे शहरों में एडमिशन का मलाल. इस कारण तीन साल की स्नातक डिग्री के लिए विवि पांच साल व दो साल की स्नातकोत्तर डिग्री के लिए साढ़े तीन साल का समय ले रहा है. सब कुछ जानते हुए भी विवि अधिकारी खामोश हैं.
नहीं हुई स्नातक परीक्षा की
तिथि घोषित : विवि की ओर से अब तक स्नातक पार्ट वन, टू और थ्री की परीक्षा तिथि घोषित नहीं हो सका है. छात्र इस बात को मानते हैं, कि हर साल की तरह इस साल भी सत्र लेट होगा. स्नातक पार्ट वन के छात्र आशीष ने बताया कि अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई है, जबकि जुलाई माह से कक्षाएं भी शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन इस साल भी एेसा नहीं हो सकेगा.
एमएलसी संजय सिंह का कहना है कि शैक्षणिक सत्र के सुधार को लेकर कई बार राजभवन तक मामला पहुंचा, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं हो सका है. छात्रों का दो-दो साल बर्बाद होना यह बड़ी समस्या है. इस पर विवि को ध्यान देना चाहिए, लेकिन विवि इस दिशा में सुधार नहीं चाह रहा है. एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि यह बड़ी समस्या विवि की है. इसके सुधार के लिए पूरा प्रयास किया गया, इसमें कुछ सुधार भी हुआ है. लेकिन जैसा होना चाहिए. वैसा नहीं हो सका.
एकेडमिक कैलेंडर हर साल बनता है : बीआरए बिहार विवि अपने बचाव में हर साल एकेडमिक कैंलडर बनाता है. और उसे राजभवन भेजता भी है.
इस साल भी विवि ने एकेडमिक कैलेंडर बनाकर राजभवन को भेज चुका है, लेकिन उसका पालन कितना होता है. यह विवि जानता है या तो छात्र.
एक छात्र पर 400 रुपये का खर्च
छात्रों की कॉपी जांच में विवि को एक छात्र की कॉपी जांच में 400 रुपये का खर्च
मौजूदा समय में आ रहा है, जबकि मौजूदा समय में फीस बेहद कम है. इसलिए विवि छात्रों के साथ बात कर फीस बढ़ोत्तरी करना चाह रहा है, जिससे की विवि के वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके.
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