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लेवी वसूली के लिए सक्रिय हुआ हार्डकोर मुसाफिर

मुजफ्फरपुर : वैशाली सब जोन का चार्ज संभालने के बाद से ही मुसाफिर सहनी उर्फ आलोक जी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इस सूचना के बाद पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है. मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों के दियारा में शरण लिये मुसाफिर सहनी अपने नक्सली संगठन के साथियों को एकजुट […]

मुजफ्फरपुर : वैशाली सब जोन का चार्ज संभालने के बाद से ही मुसाफिर सहनी उर्फ आलोक जी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इस सूचना के बाद पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है. मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों के दियारा में शरण लिये मुसाफिर सहनी अपने नक्सली संगठन के साथियों को एकजुट कर संगठन में जान डालने व निर्माण कंपनियों से लेवी वसूली करने की योजना बना रहा है.

हालांकि पुलिस की सक्रियता से वह अबतक अपने मंसूबे को अमलीजामा नहीं पहना सका है. गुरुवार को सरैया के रेपुरा रामपुर बल्ली में उसके नक्सलियों के साथ बैठक की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी. छापेमारी में पकड़े गये मुसाफिर के शागिर्द मदन व शंकर पासवान ने उसकी कई रणनीति का खुलासा कर दिया है. मदन के खुलासे के सत्यापन व मुसाफिर सहनी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी विवेक कुमार ने एएसपी (अभियान) राणा ब्रजेश के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया है.

उत्तर बिहार की निर्माण कंपनियों पर है मुसाफिर की नजर
उत्तर बिहार में 150 करोड़ की लागत से सड़क, पुल-पुलिया, रेल दोहरीकरण योजना सहित अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में लगी निर्माण कंपनियों पर मुसाफिर सहनी उर्फ आलोक जी की नजर है. हार्डकाेर नक्सली लालबाबू उर्फ भास्कर, रामराजी सहनी, सुबोध बैठा, रोहित सहनी और चार जुलाई को अमीन सहनी उर्फ कमलेश की गिरफ्तारी के बाद मुसाफिर संगठन में जान डालने व लेवी वसूली को बढ़ावा देने के लिए नक्सलियों को संगठित कर एक बड़े घटना को अंजाम देने की तैयारी में है.

मुसाफिर की नजर निर्माण कार्य से जुड़ी शांति कंस्ट्रक्शन कंपनी, एनएच-102 के निर्माण में लगी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, गंडक पर पुल का निर्माण कर रही एसपी सिंघला, रेल लाइन दोहरीकरण में लगी हरि कंस्ट्रक्शन, गैमन इंडिया, बसिस्ता कंस्ट्रक्शन सहित अन्य कंपनियों पर है. इसके अलावा चिमनी, आरा मशीन से जुड़े व्यवसायियों पर भी इसकी नजर है. इन कंपनियों से लेवी वसूली कर संगठन में जान फूंकने की तैयारी हो रही है. इसके लिए मुसाफिर दियारा क्षेत्र में लगातार अपने नक्सली साथियों के साथ बैठक कर रणनीति भी बना रहा है. गत चार जुलाई को सारण का जोनल कमांडर अमीन सहनी उर्फ कमलेश को मुसाफिर ने ही बैठक के लिए बुलाया था. पुलिस को इस बात की भनक लग गयी थी. पुलिस ने छापेमारी कर उसे एके 56 के साथ गिरफ्तार कर लिया था.

मुसाफिर के नेतृत्व में हुए थे ये हमले
पश्चिमी इलाके में 28 करोड़ की लागत से तुर्की सरैया रोड का निर्माण कराया जा रहा है. इस सड़क पर चार करोड़ की लागत से मनेरिया पुल का निर्माण करा रही शांति कंस्ट्रक्शन कंपनी से बीस लाख की लेवी के लिए मुसाफिर के इशारे पर पर्चा गिराया गया था. एनएच 102 के निर्माण में लगी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लि. के पोखरैरा स्थित बेस कैंप पर गत 7 जून को नक्सलियों ने पर्चा गिराया था. 25 मार्च को रेल लाइन दोहरीकरण निर्माण में लगी हरि कंस्ट्रक्शन कंपनी के तुर्की स्थित बेस कैंप पर 40 नक्सलियों ने हमला किया था. इस हमले का नेतृत्व मुसाफिर सहनी ने किया था. इस कंपनी पर अभी भी लेवी देने का दबाव बनाया जा रहा है. हमले के बाद 28 मार्च की रात टरिया गांव में आगे की रणनीति के लिए बैठक करते गिरफ्तार नक्सली गुलाब चंद, अजीत कुमार व अजय सहनी ने यह घटना मुसाफिर के नेतृत्व में होने का खुलासा किया था.
जेल में बंद नक्सली की साजिश का खुलासा
कमजोर हो रहे संगठन को मजबूत करने व लेवी वसूली के लिए जेल में बंद हार्डकोर नक्सली लालबाबू उर्फ भास्कर, रोहित सहनी, रामबाबू पासवान व सुभाष गुप्ता उर्फ चंदन द्वारा योजना बनायी जा रही है. इनके द्वारा उत्तर बिहार में बड़ी वारदात को अंजाम दिये जाने के लिए बनायी गयी योजना का खुलासा हो चुका है. गिरफ्तार अमीन उर्फ कमलेश, मदन पासवान और इसके पूर्व तीन अप्रैल को पुलिस की पकड़ में आये शेखर रावत ने पुलिस को जेल में बंद इन नक्सलियों द्वारा बनायी जा रही योजना की जानकारी दे दी थी. जेल में बंद नक्सलियों द्वारा पुलिस के कई अधिकारियों को भी टारगेट किये जाने का खुलासा हो चुका है.

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