मुजफ्फरपुर : फिरौती के लिए नाबालिग के अपहरण मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे 11 डॉ राकेश कुमार सिंह ने दो आरोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास हो सकता है. अर्थदंड की 25 हजार रुपये की […]
मुजफ्फरपुर : फिरौती के लिए नाबालिग के अपहरण मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे 11 डॉ राकेश कुमार सिंह ने दो आरोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास हो सकता है. अर्थदंड की 25 हजार रुपये की राशि पीड़ित के पिता को दिया जायेगा.
इस मामले में पारू थाना क्षेत्र के चक्की साेहागपुर निवासी सुरेश सहनी व सारण तरैया थाना क्षेत्र सरैया बसंत निवासी तारकेश्वर राम को कोर्ट ने दोषी पाया है.
सरैया थाना क्षेत्र के अंबारा तेज गांव से सात वर्षीय सन्नी राज का अपहरण 17 जून 2014 को साेये अवस्था में कर लिया गया था. अपहृत सन्नी राज के पिता मंटू सिंह के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध सरैया थाना में मामला दर्ज किया गया था. सूचक मंटू सिंह ने पुलिस को दिये आवेदन में कहा था कि 17 जून की रात्रि मेरा सात वर्षीय पुत्र सन्नी राज घर के बरामदे में अपनी दादी के साथ सोया था. दादी की रात एक बजे नींद खुली तो पोता गायब था.
हमलोगों को जगाया, उसके बाद खोजबीन शुरू हुई. उसके बाद पुलिस को आवेदन दिया. अगले दिन मंटू सिंह को अज्ञात फोन से दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की गयी. शिकायत पर पुलिस ने मोबाइल का डिटेल निकालते हुए पारू थाना क्षेत्र के चक्की सोहागपुर निवासी सुरेश सहनी को गिरफ्तार किया.
उसके स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर छपरा सारण के तरैया
थाना क्षेत्र के सरैया बसंत के
तारकेश्वर राम की झोपड़ी से अपहरण के पांच दिन के अपहृत बच्चे सन्नी राज को सकुशल सरैया पुलिस ने बरामद किया था.