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आधे बच्चों के लिये ही मिली पाठ्य पुस्तकें
मुजफ्फरपुर : सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ग एक से आठवीं तक के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें देनी हैं. अभी तक विभाग को डिमांड से आधी पुस्तकें ही मिल सकी हैं, जिससे सभी बच्चों को मिलना अभी मुश्किल हैं. विभाग का कहना है कि पहली किश्त का वितरण कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी, […]
मुजफ्फरपुर : सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ग एक से आठवीं तक के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें देनी हैं. अभी तक विभाग को डिमांड से आधी पुस्तकें ही मिल सकी हैं, जिससे सभी बच्चों को मिलना अभी मुश्किल हैं. विभाग का कहना है कि पहली किश्त का वितरण कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी, इसके बाद ही दूसरी किश्त मिलेगी.
विभाग ने बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय-पटना को 10 लाख 6 हजार 54 पाठ्य पुस्तकों की डिमांड भेजी थी, जिसमें केवल 4 लाख 79 हजार 768 पाठ्य पुस्तकें ही प्राप्त हुई है. विभागीय अधिकारियों के सामने मुश्किल यह है कि किन बच्चों को पुस्तकें दें और किनको न दें. प्रधानाध्यापक भी ऐसे में पाठ्य पुस्तकों का वितरण करने से कतरा रहे हैं. उनका कहना है कि सीमित पुस्तकें होने के चलते वितरण करना आसान नहीं है. हालांकि विभाग का दबाव है कि जल्द से जल्द वितरण का काम पूरा कर लिया जाए.
कल तक बांटनी हैं सभी पाठ्य पुस्तकें : जिले में हिंदी माध्यम से कुल 9 लाख 45 हजार 402 बच्चे हैं, जिसमें 4 लाख 37 हजार 609 बच्चों के लिए पुस्तक उपलब्ध है. उर्दू माध्यम के 38 हजार 323 बच्चों की तुलना में 25 हजार 356 और मिश्रित के लिये 22 हजार 329 की तुलना में 16 हजार 809 किताबें मिली है. मार्च में एक लाख दो हजार 69 पुस्तकों का वितरण हो सका. शेष 3 लाख 77 हजार 699 पुस्तकों का वितरण 15 अप्रैल तक करके रिपोर्ट भेजनी है.
वर्ग 6 व 7 के लिये कुछ नहीं आया
वर्ग 6 व 7 के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के लिये लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. पहली किश्त में हिंदी वर्ग के बच्चों के लिये कुछ नहीं आया है. वर्ग 6 के लिये एक लाख 15 हजार 20 बच्चे नामांकित है, इसमें एक लाख 9 हजार 64 हिंदी माध्यम के हैं.
वहीं उर्दू माध्यम के 3202 व मिश्रित 2754 है. मुख्यालय से उर्दू के 214 व मिश्रित 205 पाठ्य पुस्तकें मिली हैं. इसी तरह वर्ग 7 के लिये एक लाख 12 हजार 163 बच्चों का नामांकन है, जिसमें एक लाख छह हजार 503 हिंदी माध्यम के हैं. इनके लिये एक भी पुस्तक नहीं आयी है. उर्दू के लिये 2951 डिमांड की तुलना में 457 व मिश्रित 2709 की तुलना में केवल 731 पुस्तकें मिली है.
डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान नीता कुमारी पांडेय ने सभी बीइओ को निर्देश दिया है कि बीआर-1 पाठ्य पुस्तक प्रतिवेदन समय से जिला कार्यालय को उपलब्ध करा दें, जिससे राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जा सके. कहा कि पाठ्य पुस्तकों के वितरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है. इसमें किसी तरह की लापरवाही पर बीइओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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