मुजफ्फरपुर: प्रदेश मुखिया महासंघ ने जनगणना में गड़बड़ी के विरोध में आठ जनवरी को आहूत बिहार बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. प्रेस बयान जारी कर संघ के पदाधिकारियों ने कहा, गैर-जिम्मेवार तरीके से किये गये जनगणना के कारण लाखों लोगों का घर छूट गया है. अथवा गलत प्रविष्टि की गयी है. इससे गांव के गरीब-गुरबों के अधिकार का हनन हो रहा है. गलत सर्वे रिपोर्ट के कारण गरीब अमीर की श्रेणी में आ गये हैं. इसका महासंघ विरोध करता है. जब तक जनगणना सूची को ठीक नहीं किया जायेगा, इसका विरोध होता रहेगा.
मुखिया महासंघ के अध्यक्ष प्रियदर्शनी शाही उर्फ मन्नु शाही व महासचिव उमेश महतो ने कहा कि सूबे के मुखिया को मुखिया बनने पर अफसोस है. आज कोई मुखिया किसी दुखिया को मदद करने की स्थिति में नहीं है. इसके कारण लोगों के बीच मुखिया के प्रति नकारात्मक छवि बन रही है.
मुखिया संघ की प्रमुख मांगें
1. सामाजिक आर्थिक व जातिगत जनगणना के पूर्व के सर्वेक्षण को रद्द कर नये सिरे से पंचायत प्रतिनिधियों की देख- रेख में सही रूप से सर्वे हो.
2. 73वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप गांव के मामले में ग्राम सभा की सर्वभौमिकता को अक्षुण्ण रखने की दिशा में कार्य हो.
3. पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप घोषित 29 विभाग के अधिकार पंचायत को सौंपे जाएं.
4. बिहार पंचायती राज संस्थाओं के अधीनस्थ सभी कर्मियों का प्रशासनिक नियंत्रण पंचायत के हाथ सौंपा जाये. ताकि सही अर्थ में पंचायती राज बन सके. इसके साथ ही पंचायती राज विभाग का स्वतंत्र कैलेंडर बनाया जाय.