बुधवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता वाली परीक्षा बोर्ड ने इस पर मुहर लगा दी है. हालांकि सर्टिफिकेट पर रेगुलेशन का जिक्र तभी किया जायेगा, जब राजभवन से इसकी मंजूरी मिल जायेगी. गौरतलब है कि विवि प्रशासन पहले ही बिहार लोग सेवा आयोग में रेगुलेशन का दावा करने के लिए अभ्यर्थियों काे एनेक्सचर वन व टू का प्रमाण पत्र दे रहा है. हालांकि 18 जनवरी को जब कुलपति ने पटना आये यूजीसी के चेयरमैन प्रो वेद प्रकाश के समक्ष देर से रेगुलेशन लागू करने की अनुमति मिलने के आधार पर इन अभ्यर्थियों को लाभ देने का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने उसे सिरे से खारिज कर दिया था.
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बीआरएबीयू जारी करेगा नया रेगुलेशन वाला नोटिफिकेशन
मुजफ्फरपुर: एक तरफ यूजीसी, राज्य सरकार व बीपीएससी ने पीआरटी-2012 पास अभ्यर्थियों को यूजीसी रेगुलेशन 2009 का लाभ देने से इनकार कर दिया है, वहीं विवि प्रशासन अब उनके नोटिफिकेशन पर रेगुलेशन के जिक्र का फैसला लिया है. इसका लाभ उन अभ्यर्थियों को दिया जायेगा, जिन्होंने कोर्स वर्क, पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन, प्री सबमिशन वायवा, दो […]
मुजफ्फरपुर: एक तरफ यूजीसी, राज्य सरकार व बीपीएससी ने पीआरटी-2012 पास अभ्यर्थियों को यूजीसी रेगुलेशन 2009 का लाभ देने से इनकार कर दिया है, वहीं विवि प्रशासन अब उनके नोटिफिकेशन पर रेगुलेशन के जिक्र का फैसला लिया है. इसका लाभ उन अभ्यर्थियों को दिया जायेगा, जिन्होंने कोर्स वर्क, पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन, प्री सबमिशन वायवा, दो राष्ट्रीय सेमिनार व एक रिसर्च पेपर की शर्त पूरी की है. कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि इसका लाभ उन अभ्यर्थियों को भी मिलेगा, जिन्हें पूर्व में बिना रेगुलेशन वाला नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है, लेकिन वे निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं.
बुधवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता वाली परीक्षा बोर्ड ने इस पर मुहर लगा दी है. हालांकि सर्टिफिकेट पर रेगुलेशन का जिक्र तभी किया जायेगा, जब राजभवन से इसकी मंजूरी मिल जायेगी. गौरतलब है कि विवि प्रशासन पहले ही बिहार लोग सेवा आयोग में रेगुलेशन का दावा करने के लिए अभ्यर्थियों काे एनेक्सचर वन व टू का प्रमाण पत्र दे रहा है. हालांकि 18 जनवरी को जब कुलपति ने पटना आये यूजीसी के चेयरमैन प्रो वेद प्रकाश के समक्ष देर से रेगुलेशन लागू करने की अनुमति मिलने के आधार पर इन अभ्यर्थियों को लाभ देने का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने उसे सिरे से खारिज कर दिया था.
बदलेगा रिजल्ट, कार्रवाई
पर फैसला नहीं
परीक्षा बोर्ड में पीआरटी-2013 की कॉपी मूल्यांकन में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट पेश की गयी. तय हुआ कि जांच रिपोर्ट में छात्र-छात्राओं का जो रिजल्ट होगा, वहीं मान्य होगा. यानी पास छात्र फेल होता है अथवा फेल छात्र पास, तो वहीं माना जायेगा. जो पास छात्र फेल होते हैं, उनके द्वारा जमा किये गये शोध प्रारूप (सिनॉप्सिस) को रद्द माना जायेगा. हालांकि बोर्ड ने गलत मूल्यांकन करने वालों पर कार्रवाई के संदर्भ में कोई फैसला नहीं लिया है. कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि पहले दोषियों को चिह्नित किया जायेगा, उसके बाद इस पर फैसला होगा.
सीसीएच के अध्यक्ष से मांगा जायेेगा ओपिनियन
परीक्षा बोर्ड में बीएचएमएस के दो मामले रखे गये. पहला मामला सुमन कुमार झा का था. उन्होंने 2006 में फर्स्ट इयर की परीक्षा दी थी. उसमें वे एनाटोमी व फिजियोलॉजी पेपर में फेल हो गये. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें सिर्फ एनाटोमी में फेल होने की बात बतायी. छात्र ने 2008 में उसकी परीक्षा दी व पास हुआ. बाद में उसे दूसरे पेपर में भी फेल होने के बारे में पता चला. उसके बाद 2011 में उसने यह परीक्षा पास की. सुमन कुमार झा पार्ट थर्ड की परीक्षा भी दे चुका है. लेकिन रिजल्ट इस आधार पर रोक दिया गया कि रेगुलेशन के तहत उसे पार्ट वन की परीक्षा तीन साल में ही पूरी कर लेनी थी. एक अन्य मामला देवेंद्र प्रसाद का था. 2001 में उन्होंने बीएचएमएस की परीक्षा दी थी, लेकिन उनकी कॉपी के सभी प्रश्न जांचे ही नहीं गये थे. इन दोनों मामले में बोर्ड ने सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी (सीसीएच) के अध्यक्ष डॉ राम जी सिंह से राय मांगने का फैसला लिया है.
ऋचा को राहत, कीर्ति का दावा खारिज
एमडीडीएम कॉलेज की स्नातक की छात्रा ऋचा श्रीवास्तव को राहत देते हुए परीक्षा बोर्ड ने उसे दुबारा पार्ट टू एमआइएल की परीक्षा देने की छूट दी है. परीक्षा पास करने पर उसका पार्ट थर्ड का रिजल्ट भी जारी कर दिया जायेगा. ऋचा ने स्नातक पार्ट वन में एमआइएल की परीक्षा दी थी. लेकिन पार्ट टू में भूलवश एनएच की परीक्षा दी. इसका पता तब चला जब उसने पार्ट थर्ड की परीक्षा दे दी. टेबुलेशन के दौरान इसका पता चला. इस कारण उसके पार्ट थर्ड का रिजल्ट भी रोक दिया गया. एक अन्य मामले में एलएनडी कॉलेज मोतिहारी की छात्रा कीर्ति राज के दावा को बोर्ड ने खारिज कर दिया. टेबुलेटर ने फेल होने के बावजूद उसे पास का अंक पत्र जारी कर दिया था. इस मामले में टेबुलेशन एम सिंह से स्पष्टीकरण पूछने का फैसला भी लिया गया है.
आरएन कॉलेज का प्रस्ताव खारिज
आरएन कॉलेज हाजीपुर के प्राचार्य ने पीजी की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए होम सेंटर का प्रस्ताव रखा था. परीक्षा बोर्ड में इसे पेश किया गया. लेकिन चारों डीन ने इसका एक स्वर में विरोध किया. उनका तर्क था कि प्रायोगिक परीक्षा की गुणवत्ता व निष्पक्षता बनाये रखने के लिए इसे विवि पीजी विभाग में एक ही छत के नीचे कराया जाना चाहिए. बोर्ड ने इसे मंजूर कर लिया.
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