बारिश से होने से फसलों को होगा बेहतर विकासआरएयू के ग्रामीण कृषि परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार का कहना है कि दिसंबर में हर वर्ष कम से कम आठ से नौ मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है. वहीं जनवरी में 10 से 12 मिलीमीटर बारिश का पानी चाहिए. ऐसा नहीं होना रबी के लिए नुकसान दायक है. बारिश का पानी गेहूं, चना, मसूर, मक्का, राई, तोरी व सरसों समेत सभी फसलों की जरूरत है. कुछ देर से ही सही, अगर बारिश होती है तो फसलों के साथ-साथ इसका फायदा मिलेगा. उत्पादन पर भी फर्क पड़ेगा. पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक देवनाथ प्रसाद बताते हैं कि बारिश होने के बाद फसलों को काफी फायदा होगा. पौधे जमीन से पोषक तत्व आसानी से ले सकेंगे. पौधे कार्बन डायऑक्साइड का आदान-प्रदान आसानी से कर पायेंगे. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बेहतर होगी. पौधे आसानी से अपना भोजन बना सकेंगे. अभी की बारिश फसलों के लिए अमृत साबित होगा. वर्ष दिसंबर में बारिश (एमएम)2003 8.02005 20.52009 5.42014 4.011 वर्षों में दिसंबर में बारिश शून्यवर्ष जनवरी में बारिश (एमएम)2001 7.52003 6.02004 4.02005 2.52008 14.02011 2.62012 14.12013 10.12014 9.52015 8.4छह वर्षों में जनवरी में बारिश शून्य
BREAKING NEWS
Advertisement
बारिश से होने से फसलों को होगा बेहतर विकास
बारिश से होने से फसलों को होगा बेहतर विकासआरएयू के ग्रामीण कृषि परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार का कहना है कि दिसंबर में हर वर्ष कम से कम आठ से नौ मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है. वहीं जनवरी में 10 से 12 मिलीमीटर बारिश का पानी चाहिए. ऐसा नहीं होना रबी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement