ठंड में बारिश नहीं, रबी फसल पर संकट पौधों की पत्तियों से साफ नहीं हुआ धूल-कणसूक्ष्म जीवों को खेतों में सक्रिय होने में हो रही परेशानीकार्बनिक पदार्थों के बनने की गति हुई कम पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं बना रहे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही बाधित कार्बन डायऑक्साइड के आदान-प्रदान में परेशानी दिसंबर व जनवरी में टूट रहा बारिश का सिलसिला वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरदिसंबर और जनवरी में बारिश का सिलसिला टूट रहा है. ठंड के मौसम में बारिश कभी-कभी हो रही है. खासकर गेहूं बोआई के 22 दिनाें बाद बारिश के पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन हाल के वर्षों में दिसंबर में बारिश नहीं हो रही है. इसका सीधा असर रबी में गेहूं व मक्का पर पड़ रहा है. बारिश नहीं होने से पौधों पर प्रदूषण के धूल-कण जम जाते हैं. इसका सीधा असर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पर पड़ रहा है. पौधे कार्बन डायऑक्साइड लेने और छाेड़ने का काम सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. जमीन से सूक्ष्म पोषक तत्व भी कम ले रहे हैं. इस कारण पौधे अपना भोजन पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पा रहे हैं. इसका सीधा असर उत्पादन पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी हाल में बारिश के पानी का मुकाबला जमीन से खींचा गया पानी नहीं कर सकता है. बारिश का पानी शुद्ध होता है. इसका पीएच मान न्यूट्रल होता है. जबकि जमीन के पानी में कई विजातीय तत्व पाये जाते हैं. यह मिट्टी में घुल नहीं पाता है. वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि कई वर्षों में हथिया नक्षत्र में पानी नहीं हुआ है. वर्ष 2015 में तो हथिया नक्षत्र सूखा ही रह गया. जमीन में पानी की कमी हो गई है. पौधे सूक्ष्म पोषक तत्व बहुत कम ले रहे हैं. बारिश के पानी का फायदा पौधों पर तत्काल पड़ता है. इससे संपूर्ण पोषण होता है. सूक्ष्म जीव सक्रिय नहीं हो रहे हैं. कार्बनिक पदार्थों के बनने की गति भी धीमी है. एक्सपर्ट बोले:::::::ठंड में रबी फसलों के लिए बारिश बहुत मायने रखता है. ग्राउंड वाटर यानी जमीन का पानी कभी भी बारिश का विकल्प नहीं बन सकता है. दिसंबर व जनवरी में बारिश नहीं होने से दाने के वजन और आकार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. ठंड के सीजन में अधिक दिनों तक कोहरा व ठंड भी चाहिए. लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हुआ है. पौधा के बढ़वार पर विपरीत असर पड़ा है. उत्पादन प्रभावित होगा. देवनाथ प्रसाद, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम किसानों का साथ नहीं दे रहा है. हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं होना रबी के लिए घातक है. जल स्तर नीचे चला जाता है. पौधे पोषक तत्व जमीन से नहीं खींच पाते हैं. इस सीजन में दिसंबर व जनवरी सूखा ही जा रहा है. बारिश नहीं होने पौधों का प्रकाश संश्लेषण क्रिया बेहतर नहीं हो रही है. इसका असर गेहूं के उत्पादन पर पड़ता है. डॉ ए सत्तार, नोडल पदाधिकारी, मौसम विभाग, आरएयू पूसाकब चाहिए कितना पानी मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर में हर वर्ष कम से कम आठ से नौ मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है. वहीं जनवरी में 10 से 12 मिलीमीटर बारिश का पानी चाहिए. ऐसा नहीं होना रबी के लिए नुकसान दायक है. बारिश का पानी गेहूं, चना, मसूर, मक्का, राई, तोरी, सरसों समेत सभी फसलों की जरूरत है. वर्ष दिसंबर में बारिश (एमएम)2003 8.02005 20.52009 5.42014 4.011 वर्षों में दिसंबर में बारिश शून्यवर्ष जनवरी में बारिश (एमएम)2001 7.52003 6.02004 4.02005 2.52008 14.02011 2.62012 14.12013 10.12014 9.52015 8.4छह वर्षों में जनवरी में बारिश शून्य \\\\B
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ठंड में बारिश नहीं, रबी फसल पर संकट
ठंड में बारिश नहीं, रबी फसल पर संकट पौधों की पत्तियों से साफ नहीं हुआ धूल-कणसूक्ष्म जीवों को खेतों में सक्रिय होने में हो रही परेशानीकार्बनिक पदार्थों के बनने की गति हुई कम पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं बना रहे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही बाधित कार्बन डायऑक्साइड के आदान-प्रदान में परेशानी दिसंबर […]
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