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नये साल में फिर झटका, दहशत में लोग

नये साल में फिर झटका, दहशत में लोगफोटो दीपकपिछले वर्ष अप्रैल की डरावनी यादें हो गयी ताजाभूकंप के बाद कई घरों से निकले लोगघंटों घर के बाहर बिताया समयवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . नये साल के शुरू होते ही भूकंप के झटके ने लोगों को दहशत में ला दिया है. इन लोगों ने सोमवार की सुबह […]

नये साल में फिर झटका, दहशत में लोगफोटो दीपकपिछले वर्ष अप्रैल की डरावनी यादें हो गयी ताजाभूकंप के बाद कई घरों से निकले लोगघंटों घर के बाहर बिताया समयवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . नये साल के शुरू होते ही भूकंप के झटके ने लोगों को दहशत में ला दिया है. इन लोगों ने सोमवार की सुबह चार बजकर पांच मिनट में झटका महसूस किया, वे लोग ठंड के बावजूद खुले मे निकल आये. ऊपरी मंजिल पर रहने वाले लोग तो एक-दो घंटे तक अपने घर में नहीं गये. जिन लोगों की उस वक्त नींद नहीं खुली वे सुबह भूकंप की जानकारी होते ही दहशत में आ गये. भूकंप की डरावनी यादें भूल चुके लोगों में फिर वही डर व्याप्त हो गया. उन्हें 25 अप्रैल से लगातार आये भूकंप के झटके याद आने लगे. एक-एक कर जैसे-जैसे वे डरावने पल याद आते, लोगों की दहशत भी बढ़ती जाती. सोमवार की सुबह लोगों की चर्चा का विषय भूकंप ही था. लोगों में डर इस बात का था कि भूकंप का केंद्र मेघालय था. यहां पर भूकंप के दौरान लोगों के अनुभवों को रखा जा रहा है .राजू कुमार साह, कल्याणी : सुबह में सोये हुए थे. अचानक पलंग हिलने से मेरी नींद खुली. पहले तो कुछ समझ में नहीं आया, फिर सीलिंग पर नजर गयी तो पंखा हिल रहा था. मैं समझ गया कि भूकंप आया है. तुरंत घर के लेागों को जगाया व दरवाजा खोल बच्चों के साथ बाहर निकले. फिर वही सब कुछ पुरानी बातें याद आ गयी. कैसे पिछले साल अप्रैल के बाद से हमलोगों डरे सहमे घर में रात गुजारते थे. नींद भी आती थी तो डरावने सपने आते थे. कई रात तो हमलोगों ने जाग कर बितायी. संगीता सक्सेना, छाता चौक : सोमवार की सुबह आये भूकंप का पता नहीं चला. सुबह उठने के बाद पता चला कि भूकंप आया था. तब से भय बना हुआ है. पिछले साल की बुरी यादों में हमलोग भूकंप को भूल चुके थे. लेकिन नया साल शुरू होते ही फिर वही डर शुरू हो गया है. हमेशा महसूस होता है कि भूकंप तो नहीं आया. अब तो रात में नींद भी नहीं आयेगी. उत्तर बिहार में भूकंप का खतरा ज्यादा है. यही बात ज्यादा डराती है. ईश्वर लोगों की रक्षा करे.संजीव, रमना : सोमवार की सुबह भूकंप से मेरी नींद खुल गयी थी. झटका बहुत धीमा नहीं था. अहले सुबह होने की वजह से कई लोगों को पता नहीं चला. लेकिन भूकंप ने लोगों को एक बार फिर डरा दिया है. ऐसा ही भूकंप रात में आया तो घर से निकलना भी मुश्किल हो जायेगा. पता नहीं क्या होने वाला है. इतना जरूर है कि मन में बैठा डर अब निकलने वाला नहीं है. बार-बार झटके से यादें ताजा हो जाती है.सुधीर कुमार, अतरदह : भूकंप की तीव्रता छह से ऊपर थी. यह तो अच्छा हुआ कि ज्यादा देर तक नहीं रहा. जब से भूकंप आया है, दहशत समा गयी है. मेरी नींद भूकंप के समय नहीं खुली थी. घर के लोगों ने दरवाजा खटखटाया तो मेरी नींद खुली. भाई ने कहा भूकंप आया है निकलिये. उसके बाद हम बाहर निकले. करीब एक घंटे तक हम सभी घर से बाहर ही रहे. घर में जाने में भी डर लग रहा था. नया साल शुरू होते ही फिर भगवान ने अपनी लीला शुरू कर दी. अब तो बस उनका ही भरोसा है.

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