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सिर्फ शहरी क्षेत्र में बिकेगी शराब, खुलेंगी 41 दुकानें

मुजफ्फरपुर : एक अप्रैल से सिर्फ शहर क्षेत्र (नगर निगम) में ही शराब की बिक्री होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. शहर में शराब की 41 दुकानें खुलेंगी, जिसका संचालन बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से किया जायेगा. निजी शराब व्यवसायियों को इससे अलग कर दिया गया है. नयी उत्पाद नीति […]

मुजफ्फरपुर : एक अप्रैल से सिर्फ शहर क्षेत्र (नगर निगम) में ही शराब की बिक्री होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. शहर में शराब की 41 दुकानें खुलेंगी, जिसका संचालन बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से किया जायेगा. निजी शराब व्यवसायियों को इससे अलग कर दिया गया है.
नयी उत्पाद नीति 2015 को जिले में लागू करने के लिए शनिवार को डीएम धर्मेंद्र सिंह ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ रणनीति बनायी. डीएम ने कहा कि एक अप्रैल से शराबंदी के मद्देनजर अवैध शराब के आवाजाही की आशंका है. इसे रोकने के लिए रेल, सड़क व नदी मार्ग पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है.
नदियों के पास निगरानी के लिए मोटर बोट में पुलिस की तैनाती होगी.
जिले की सीमा क्षेत्र पर खुलेगा केबिन. एक-दूसरे जिले से जुड़ने वाले सड़कों के प्रमुख स्थलों पर केबिन का निर्माण किया जायेगा.
इसमें पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति होगी. कंप्यूटर और सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा. उत्पाद अधीक्षक को केबिन बनवाने के लिए अविलंब कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है. रेल स्टेशनों से शराब के खेप पहुंचाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए जीआरपी को जिम्मेवारी दी गयी है. इधर शराब बंदी के जागरूकता के लिए आंगनबाड़ी सेविका व जीविका सदस्यों को लोगों के बीच जाकर अवैध शराब बेचने वालों की सूचना देने को कहा गया है. इसमें एनजीओ की सहभागिता कराने के लिए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
पारा मिलिट्री फोर्स भी रखेगी नजर
एसएसबी, सीआइएसएफ व बीएसएफ को अपने कैंप क्षेत्र के पांच किमी के दायरे में लगातार अवैध शराब बेचने वालों पर छापेमारी करने तथा जांच पड़ताल करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार को भी अभियान चलाकर बड़े अवैध कारोबारी पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया.
अपर पुलिस अधीक्षक ने अवैध शराब कारोबारी के विरुद्ध चल रहे अभियान में आ रही परेशानी का जिक्र करते हुए बताया कि प्रथम छापेमारी में वे तुरंत छूट जाते हैं. दूसरे छापेमारी में ही उनके रिहा होने की गुंजाइश कम रहती है. डीएम ने अवैध शराब बनाने वालों के विरुद्ध लगातार छापेमारी करने और स्थल को चिह्नित कर लेने को कहा है. ऐसे स्थानों की सूची जीविका व आंगनबाड़ी सेविका को उपलब्ध कराने के लिए उत्पाद अधीक्षक को निर्देश दिया गया है.

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