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नर्सरी में तैयार प्याज के पौधे की करें रोपनी

नर्सरी में तैयार प्याज के पौधे की करें रोपनी सब्जी की फसलों में करें सिंचाई गेहूं की बोआई को करें समाप्त 21 दिन पहले बोआई की गई गेहूं में करें सिंचाई आलू में आगात झुलसा रोग की संभावनाकरें फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्याज की खेती के लिए बेहतर समय चल रहा है. […]

नर्सरी में तैयार प्याज के पौधे की करें रोपनी सब्जी की फसलों में करें सिंचाई गेहूं की बोआई को करें समाप्त 21 दिन पहले बोआई की गई गेहूं में करें सिंचाई आलू में आगात झुलसा रोग की संभावनाकरें फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्याज की खेती के लिए बेहतर समय चल रहा है. जिन किसानों की नर्सरी में प्याज का पौधा 50-55 दिनों का हो गया हो, क्यारी बनाकर रोपनी कर दें. रोपनी करते वक्त पंक्ति से पंक्ति का ध्यान रखना जरूरी है. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 सेमी और पौध से पौध की दूरी 10 सेमी होनी चाहिए. पौध की रोपाई अधिक गहराई में कभी नहीं करें. रोपाई के 20-25 दिनों पूर्व 20 टन गोबर की खाद डाले. खेत की अंतिम जुताई में 60 किलो ग्राम नेत्रजन, 80 किलो ग्राम फॉसफोरस, 80 किलो ग्राम पोटाश व 40 किलो ग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर का व्यवहार करें. सब्जियों में निकाई-गुड़ाई के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करें. आलू को आवश्यकता अनुसार 10-15 दिनों पर पानी दें. हवा में अधिक नमी के कारण आलू, टमाटर, मटर व अन्य सब्जियों वाली फसल में अगेती झुलसा रोग की संभावना रहती है. फसल की नियमित रूप से निगरानी करें. अागात झुलसा रोग का प्रकोप फसल में दिखने पर इसके बचाव के लिए 2़ 0 से 2़ 5 ग्राम डाइथेन एम 45 फफूंदनाशक दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें. छिड़काव यंत्र को वाशिंग सोडा (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) के घोल से अच्छी तरह साफ कर लें और फिर फफूंद नाशक दवा का छिड़काव करें. बिलंब से बोयी जाने वाली गेहूं की किस्मों की बुआई समाप्त करने का प्रयास करें. इसके लिए पीबीडब्लू 373, एचडी 2285, एचडी 2967, एचडी 2643, एचयूडब्लू 234, डब्लूआर 544, डीबीडब्लू 14, एनडब्लू 2036 तथा एचडब्लू 2045 किस्में अनुशंसित हैं. बुआई के पूर्व 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम फॉसफोरस एवं 20 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें. बीज को बुआई से पहले 2़5 ग्राम बेबीस्टीन से प्रति किलो ग्राम बीज को उपचारित करें. छिटकाव विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किलो ग्राम व सीड ड्रील से पंक्ति में बुआई के लिए 125 किलो ग्राम बीज का व्यवहार करें. गेहूं की फसल 20-25 दिनों की हो गई हो, उन खेतों में हल्की सिंचाई अवश्य करें. सिंचाई के 2-3 दिनों बाद नेत्रजन उर्वरक की मात्रा डाले.

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