मुजफ्फरपुर: समाहरणालय सभागार में जिला प्रभारी मंत्री नरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास योजनाओं की समीक्षा हुई. इस दौरान मंत्री के सवालों का जवाब अधिकारी नहीं दे पाये. योजनाओं की अद्यतन रिपोर्ट मांगने पर अधिकारी गोल-मोल जवाब देते रहे.
इससे असंतुष्ट मंत्री ने नाराजगी जतायी व अगली बैठक में रिपोर्ट के साथ आने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान कृषि, बाढ़, मनरेगा, इंदिरा आवास, लघु सिंचाई, मत्स्य, पशुपालन, महादलित भवन, सड़क आदि योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक में डीएम अनुपम कुमार सहित सभी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.
मनरेगा योजना अंतर्गत जॉब कार्ड के निर्माण व वितरण की समीक्षा करते हुए मंत्री ने उपसमाहर्ता को योजनाओं का औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया. उन्होंने दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी. ग्राम सभा में दो से पांच अक्तूबर के बीच चयनित योजनाओं के बारे में जानकारी ली गयी. बताया गया कि जल संरक्षण की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए.
जल्द दुरुस्त हों चापाकल
वृक्षारोपण के तहत 600 पौधों पर एक चापाकल लगाने की योजना के बारे में मंत्री ने पूछताछ की. उन्होंने खराब पड़े चापाकल शीघ्र दुरुस्त करने को कहा. इसके साथ ही पौधा बचाने के लिए लगाये गये मजदूर के जॉब कार्ड देने एवं पासबुक की जांच करने की बात कही गयी. जल संरक्षण के लिए सरकारी व गैर-सरकारी पोखर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि 3872 पोखरों में से 1386 सरकारी व 2486 निजी हैं. इनमें मत्स्य पालन किया जाता है. इसके लिए जिले में 40 हेक्टेयर लक्ष्य की जानकारी दी गयी. मत्स्य पदाधिकारी को गंभीरता से कार्य करने को कहा गया. लघु सिंचाई योजना की समीक्षा में बताया गया कि 15 योजनाएं ही चालू अवस्था में हैं.